अध्याय-6: त्रिभुज और उसके गुण

त्रिभुज

Chart, line chart

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“तीन रेखा खंडों से निर्मित एक बंद ज्यामितिय आकृति त्रिभुज कहलाता है,”

किसी भी त्रिभुज में सदैव तीन भुजाएं (sides), तीन शीर्ष(vertex) तथा तीन कोण (angles) होते हैं और किसी त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180 डिग्री होता है|

त्रिभुज के प्रकार, विशेषताएं

प्रत्येक त्रिभुज में निम्नलिखित विशेषतायें होती हैं।

1. प्रत्येक त्रिभुज में  तीन भुजाएँ होते हैं।

2. प्रत्येक त्रिभुज में तीन कोण होते हैं।

3. प्रत्येक त्रिभुज में  तीन शीर्ष होते हैं।

4. प्रत्येक त्रिभुज में तीनो कोणों का योग 180 अंश होता है ।

त्रिभुज के सभी सूत्र

त्रिभुज का क्षेत्रफल (Area Of Triangle)

क्षेत्रफल = 1/2(आधार × उचाई)

त्रिभुज का अर्धपरिमाप 

अर्धपरिमाप s= (a+b+c)/2

त्रिभुज का क्षेत्रफल = √[s(s-a) (s-b) (s-c)]

जहां a, b, c, त्रिभुज की भुजाये और s त्रिभुज का अर्धपरिमाप है ।

त्रिभुज का क्षेत्रफल = (4/3)√[s(s-a) (s-b) (s-c)]

जहां s= (a + b+ c)/2 और a,b,c त्रिभुज की मध्यकायें है ।

त्रिभुज का परिमाप (Perimeter Of Triangle)

 परिमाप = a+b+c

त्रिभुजों का वर्गीकरण

त्रिभुजों का वर्गीकरण निम्नलिखित दो तरह से किया जा सकता है

  • भुजाओं के आधार पर
  • कोणों के आधार पर
  • भुजाओं के आधार पर

विषमबाहु

समद्विबाहु

समबाहु त्रिभुज।

कोणों के आधार पर

न्यून कोण

अधिक कोण

समकोण त्रिभुज

त्रिभुज सम्बंधी मुख्य अवधारणाएं और परिणाम

एक त्रिभुज के छह हिस्से होते हैं, तीन कोण और तीन भुजाएं होती हैं।

त्रिभुज के एक शीर्ष को सम्मुख भुजा के मध्य बिंदु से मिलाने वाला रेखाखंड त्रिभुज की माध्यिका कहलाती है। एक त्रिभुज की तीन माध्यिकाएँ होती है।

एक त्रिभुज के एक शीर्ष से उसके विपरीत भुजा लंब रेखाखंड को त्रिभुज का शीर्षलंब कहते हैं। एक त्रिभुज के तीन शीर्षलंब होते हैं।

जब त्रिभुज की एक भुजा को बढाया जाता है तो त्रिभुज का एक बाहरी कोण बनता है।

त्रिभुज के किसी भी बहिष्कोण का मान सम्मुख आंतरिक कोणों के योग के बराबर होता है।

त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180° होता है।

एक त्रिभुज को समबाहु त्रिभुज कहा जाता है, यदि उसकी प्रत्येक भुजा की लंबाई समान हो।

एक समबाहु त्रिभुज में, प्रत्येक कोण का माप 60° होता है।

एक त्रिभुज को समद्विबाहु कहा जाता है यदि उसकी कम से कम दो भुजाएँ समान लंबाई की हों।

त्रिभुज की किन्हीं दो भुजाओं की लंबाई का योग तीसरी भुजा से हमेशा अधिक होता है।

त्रिभुज की किन्हीं दो भुजाओं की लंबाई का अंतर हमेशा तीसरी भुजा की लंबाई से छोटा होता है।

एक समकोण त्रिभुज में, समकोण के विपरीत भुजा कर्ण कहा जाता है और अन्य दो पक्षों को इसके पाद या भुजा कहा जाता है।

एक समकोण त्रिभुज में, कर्ण का वर्ग इसके भुजाओं पर वर्गों के योग के बराबर होता है।

दो समतल आकृतियाँ, मान लीजिए, F1 और F2 को सर्वांगसम कहा जाता है, यदि F1 की ट्रेस-कॉपी F2 पर बिल्कुल फिट बैठती है। हम इसे F1 ≅ F2 के रूप में लिखते हैं

दो रेखाखंड, मान लीजिए AB और CD , सर्वांगसम हैं, यदि उनकी लंबाई बराबर हैं। हम इसे AB ≅ CD के रूप में लिखते हैं। इसे AB = CD लिख सकते हैं।

दो कोण, मान लीजिए कोण ABC और कोण PQR, सर्वांगसम हैं, यदि उनके माप बराबर हैं। हम इसे ∠ABC ≅ ∠PQR या m∠ABC = m∠PQR के रूप में लिखते हैं या सामान्यतया ∠ABC = ∠PQR।

त्रिभुज के प्रकार और विशेषताएँ

समबाहु त्रिभुज (Equilateral Triangle): वह त्रिभुज जिसकी सभी भुजाएं बराबर हो, समबाहु त्रिभुज कहलाता है.

विशेषताएं (Properties):

  • समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक कोण समान कोण होता है.
  • समबाहु त्रिभुज में प्रत्येक कोण की माप 60 डिग्री होती है.

समद्विबाहु त्रिभुज (Isosceles Triangle): वह त्रिभुज जिसकी दो भुजाएं बराबर हो, समद्विबाहु त्रिभुज कहलाता है.

विशेषताएं (Properties):

अगर कोई त्रिभुज समद्विबाहु त्रिभुज है तो उसके कोई भी दो कोण बराबर होंगे

किसी भी समद्विबाहु त्रिभुज में बराबर कोणों की सम्मुख भुजाएं भी बराबर होती हैं अर्थात अगर किसी त्रिभुज दो भुजाएं बराबर हों तो उनके सम्मुख कोण बराबर होंगे और यदि किसी त्रिभुज में दो कोण बराबर हो तो उनकी सम्मुख भुजाएं भी बराबर होंगी

विषमबाहु त्रिभुज (Heterogeneous Triangle): अगर किसी भी त्रिभुज में तीन भुजाओं में से कोई भी  भुजा एक दूसरे के बराबर न हो तो उसे विषमबाहु त्रिभुज कहते हैं

विशेषताएं (Properties):

विषमबाहु त्रिभुज के तीनो कोण असमान कोण होते हैं

विषमबाहु त्रिभुज में सदैव बड़े कोण के सामने की भुजा बड़ी तथा छोटे कोण के सामने की  भुजा छोटी होती है

विषमबाहु त्रिभुज में सदैव बड़ी भुजा का सम्मुख कोण बड़ा तथा छोटी भुजा का सम्मुख कोण छोटा होता है

न्यूनकोण त्रिभुज (Acute Angle Triangle): अगर किसी भी त्रिभुज में तीनों को और न्यूनकोण हो अर्थात त्रिभुज का प्रत्येक कोण सदैव 90 डिग्री से कम हो तो ऐसे त्रिभुज को न्यून कोण त्रिभुज कहते हैं

विशेषताएं (Properties):

किसी भी न्यूनकोण त्रिभुज में सदैव दो कोणों का योग 90 डिग्री से अधिक होता है

किसी भी न्यूनकोण त्रिभुज में दो भुजाओं के वर्गों का योग सदैव तीसरी भुजा के वर्ग से बड़ा होता है

अर्थात

a2 + b2 > c2

जहां a, b, और c भुजाओं की लंबाई है

समकोण त्रिभुज (Right angled Triangle): अगर किसी भी त्रिभुज में कोई एक कोण समकोण हो अर्थात 90 डिग्री हो तो उसे समकोण त्रिभुज कहते हैं

विशेषताएं (Properties):

समकोण त्रिभुज में अन्य दो कोणों का योगफल 90 डिग्री होता है

अगर किसी त्रिभुज में कोई दो कोणों का योगफल तीसरे कोण के बराबर हो तो उसे समकोण त्रिभुज कहते हैं

किसी भी समकोण त्रिभुज में बड़ी भुजा का वर्ग शेष दो भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है

अर्थात

C² > A² + B²

जहां a, b, और c भुजाओं की लंबाई है  c तथा सबसे बड़ी भुजा है

अधिककोण त्रिभुज (Obtuse angle Triangle): यदि किसी त्रिभुज का कोई एक कोण अधिक कोण हो अर्थात 90 डिग्री से अधिक हो तो ऐसे त्रिभुज को अधिक कोण त्रिभुज कहते हैं

विशेषताएं (Properties):

अगर किसी भी त्रिभुज में कोई दो कोणों का योगफल 90 डिग्री से कम हो तो ऐसे त्रिभुज को अधिक कोण त्रिभुज कहते हैं

किसी भी अधिक कोण त्रिभुज में दो भुजाओं के वर्गों का योग सदैव तीसरी भुजा के वर्ग से छोटा होता है

अर्थात

A² + B² < C²

जहां a, b, और c भुजाओं की लंबाई है

सूत्र

समबाहु त्रिभुज के सभी सूत्र

1. समबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल

   क्षेत्रफल = √(3)/4 × भुजा²

2. समबाहु त्रिभुज की भुजा 

   भुजा = 2/√(3) × ऊंचाई

3. समबाहु त्रिभुज की ऊंचाई

   ऊंचाई = √(3)/2 × भुजा

4. समबाहु त्रिभुज की  माधियका 

   माधिका   =  √(3)/2 × भुजा 

समद्विबाहु त्रिभुज के सभी सूत्र

1. समद्विबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल

   क्षेत्रफल = (a/4)√(4b2-a2)

2. समद्विबाहु त्रिभुज की ऊंचाई

   ऊंचाई = (1/2)√(4b2-a2)

विषमबाहु त्रिभुज के सभी सूत्र

1. विषमबाहु त्रिभुज का परिमाप = a+b+c

2. विषमबाहु त्रिभुज का अर्धपरिमाप s= (a+b+c)/2

3. विषमबाहु त्रिभुज का क्षेत्रफल = √( s (s-a) (s-b) (s-c) )

जहां a , b, c, त्रिभुज की भुजाये और s त्रिभुज का अर्धपरिमाप है ।

समकोण त्रिभुज के सभी सूत्र

1. AC² = AB² + BC²

2. समकोण त्रिभुज का क्षेत्रफल

   क्षेत्रफल=  1/2 × आधार × ऊंचाई

3. समकोण त्रिभुज का परिमाप:–

   परिमाप = लंब  + आधार +  कर्ण

अधिक कोण  त्रिभुज के सभी सूत्र

AB² + BC² < AC² (A, B और C भुजाये है)

NCERT SOLUTIONS

प्रश्नावली 6.1 (पृष्ठ संख्या 128)

प्रश्न 1 ΔPQR में भुजा QR का मध्य बिन्दु D है।

Diagram, shape

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PM ______ है। 

PD _______ है।

क्या QM = MR ?

उत्तर- PM शीर्षलम्ब है जो शीर्ष P से सम्मुख भुजा QR पर है।

PD, ΔPQR में शीर्ष P से सम्मुख भुजा QR की माध्यिका है।

QM ≠ MR क्योंकि QR का मध्यबिन्दु M नहीं

प्रश्न 2 निम्न के लिए अनुमान से आकृति खींचिए : 

  1. ΔABC में, BE एक माध्यिका है।
  2. ΔPQR में, PQ और PR, त्रिभुज के शीर्षलम्ब हैं।
  3. ΔXYZ में, YL एक शीर्षलम्ब उसके बहिर्भाग में है

उत्तर-

  1. ΔABC में माध्यिका की रफ आकृति दर्शाई गई है।
Triangle ABC
  1. ΔPQR में शीर्षलम्ब PQ और PR की रफ आकृति दिखाई गई है।
Right Angled Triangle PQR
  1. ΔXYZ के बाहर शीर्षलम्ब YL दर्शाया गया है।
Triangle XYZ

प्रश्न 3 आकृति खींचकर पुष्टि कीजिए कि एक समद्विबाहु त्रिभुज में शीर्षलम्ब व माध्यिका एक ही रेखाखण्ड हो सकता है।

Isosceles Triangle ABC

उत्तर- रेखाखण्ड QR खींचिए। कागज मोड़ने की विधि द्वारा QR का लम्ब समद्विभाजक दर्शाओ। मोड़ी गई लाइन S पर मिलती है। यह मध्य बिन्दु है। इस लम्ब समद्विभाजक पर कोई बिन्दु P लो। PQ तथा PR को मिलाओ। इस प्रकार प्राप्त त्रिभुज समद्विबाहु होगा जिसमें PQ = PR

क्योंकि S, QR का मध्य बिन्दु है। अत: PS माध्यिका है और PS, QR का लम्ब समद्विभाजक है। अतः PS, ΔPQR का शीर्षलम्ब है।

अतः, इससे सत्यापित होता है कि समद्विबाहु त्रिभुज में माध्यिका और शीर्षलम्ब एक ही होते हैं।

प्रश्नावली 6.2 (पृष्ठ संख्या 131)

प्रश्न 1 निम्न आकृतियों में अज्ञात बाह्य कोणx का मान ज्ञात कीजिए।

उत्तर- त्रिभुज में बाह्य कोण दो अन्तःसम्मख कोणों के योग के बराबर होता है। अतः,

  1. x = 50° + 70° = 120°
  2. x = 65° + 45° = 110°
  3. x = 30° + 40° = 70°
  4. x = 60° + 60° = 120°
  5. x = 50° + 50° = 100°
  6. x = 30° + 60° = 90°

प्रश्न 2 निम्न आकृतियों में अज्ञात.अन्तःकोण x का मान ज्ञात कीजिए।

उत्तर- त्रिभुज में बाह्य कोण दो अन्तःसम्मुख कोणों के योग के बराबर होता है। 

अतः 

(i) x + 50° = 115°

या x = 115° – 50°

या x = 65°

(ii) x + 70° = 1000

या x = 100° – 70°

या x = 30°

(iii) x + 90° = 1250

या x = 1250 – 90°

या x = 35° 

(iv) x + 60° = 120°

या x = 120° – 60°

या x = 60° 

(v) x + 30° = 80°

या x = 80° – 30°

या x = 50°

(vi) x + 35° = 75°

या x = 75° – 350

या x = 40°

प्रश्नावली 6.3 (पृष्ठ संख्या 133-134)

प्रश्न 1 निम्नांकित आकृतियों में अज्ञात x का मान ज्ञात कीजिए।

उत्तर- क्योंकि त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180° होता है। अतः,

  1. ΔABC में,

∠A + ∠B + ∠C = 180°

या x+ 50° + 60° = 180°

x = 180° – (50° + 60°) .

= 180°- 110° = 70° 

  1. APQR में,

∠P + ∠Q + ∠R = 180°

या 90° + 30° + x = 180°

x = 180° – (90° + 30°)

= 180° – 120° = 60°

  1. AXYZ में,

∠X + ∠Y + ∠Z = 180°

या 30° + 110° + x = 180°

x = 180° – (30° + 110)

= 180° -140° = 40°

  1. यहाँ, x + x + 50° = 180°

या 2x = 180° – 50°

या 2x = 130°

1302=65

  1. यहाँ,

या x + x + x = 180°

या 3x = 180°

x=1803=60

  1. यहाँ, x + 2x + 90° = 180°

या 3x = 180° – 90° 

या 3x = 90°

x=903=30

प्रश्न 2 निम्नांकित आकृतियों में अज्ञात x और y का मान ज्ञात कीजिए।

Diagram, shape, polygon

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उत्तर- 

(i) त्रिभुज में बाह्य कोण और संलग्न अन्तःकोण रैखिक युग्म बनाते हैं। अतः

y + 120° = 180°

या y = 180° – 120° = 60°

एक त्रिभुज में कोणों का योग 180° होता है। 

∴ x + 50° + y = 180

x = 180° – 50° – y

x = 130° – 60° = 70° [∵ y = 60°]

x = 70° और y = 60° 

(ii) यहाँ, y = 80°

[ऊर्ध्वाधर सम्मुख कोण] त्रिभुज में कोणों का योग 180° होता है। 

∴ x + y + 50° = 180°

या x + 80° + 50° = 180° [∵ y = 80°]

या x + 130° = 180°

या x = 180° – 130°

x = 50° 

अतः, x = 50° और y = 80°

(iii) त्रिभुज में कोणों का योग 180° होता है।

∴ y + 60° + 50° = 180°

या y + 110° = 180°

y = 180° – 110°

या y = 70°

बाह्य कोण = सम्मुख अन्तः कोणों का योग

x = 50° + 60° = 110°

अतः, x = 110° और y = 70°

(iv) यहाँ, x = 60° [ऊर्ध्वाधर सम्मुख कोण] 

त्रिभुज के कोणों का योग 180° होता है।

∴ x + y + 30° = 180°

या 60° + y + 30° = 180° [∵ x = 60°]

या 90° + y = 180°

y = 180° – 90°

y = 90° = 45°

अतः x = 60° और y = 90°

(v) यहाँ, y = 90° [ऊर्ध्वाधर सम्मुख कोण] एक त्रिभुज में कोणों का योग 180° होता है।

∴ x + x + y = 180°

2x + 90° = 180°

2x = 180° – 90°

2x = 90°

x=902=45

अतः, x = 45° और y = 90°

(vi) स्पष्टतः y = x

[ऊर्ध्वाधर सम्मुख कोण] एक त्रिभुज में कोणों का योग 180° होता है।

∴ x + x + y = 180°

या x + x + x = 180° [∵ y = x]

या 3x = 180°

या x = 60° 

x = 60° और y = 60°

प्रश्नावली 6.4 (पृष्ठ संख्या 138-139)

प्रश्न 1 निम्न दी गई भुजाओं की मापों से क्या कोई त्रिभुज सम्भव है?

  1. 2cm, 3cm, 5cm
  2. 3cm, 6cm, 7cm
  3. 6cm, 3cm, 2cm

उत्तर-

  1. क्योंकि 2 + 3 4 5 अतः, दी गई भुजाओं की मापों से त्रिभुज सम्भव नहीं
  2. 3 + 6 > 7, 3 + 7 > 6 और 6 + 7 > 3

अर्थात् किन्हीं दो भुजाओं का योग तीसरी भुजा से बड़ा है।

अतः, इन मापों से त्रिभुज बनाना सम्भव है।

  1. 6 + 3 > 2, 3 + 2 ≯ 6

अतः, दी गई भुजाओं की मापों से त्रिभुज सम्भव नहीं

प्रश्न 2 त्रिभुज PQR के अभ्यन्तर में कोई बिन्दु 0 लीजिए। क्या यह सही है कि

  1. OP + OQ > PQ ?
  2. OQ + OR > QR ?
  3. OR + OP > RP ?

उत्तर- त्रिभुज के गुण द्वारा Δs, OPQ, OQR और OPR में,

  1. OP + OQ > PQ
  2. XOQ + OR > QR
  3. OR + OP > RP

प्रश्न 3 त्रिभुज ABC की एक माध्यिका AM है। बताइए कि क्या

AB + BC + CA > 2AM ?

उत्तर- त्रिभुज की असमिकाओं का प्रयोग करके ΔABM और ΔAMC में 

AB + BM > AM …. (1)

और CA + MC > AM …. (2) 

(1) और (2) के दोनों पक्षों को जोड़ने पर 

AB + (BM + MC) + CA > AM + AM 

या AB + BC + CA > 2AM

प्रश्न 4 ABCD एक चतुर्भुज है। क्या AB + BC + CD + DA > AC + BD ?

उत्तर- माना ABCD एक चतुर्भुज है। AC और BD को मिलाओ।

Quadrilateral ABCD

त्रिभुज की असमिकाओं का प्रयोग करके ΔABC, ΔDAC, ΔABD और ΔCBD में,

AB + BC > AC …. (1)

CD + DA > AC ……….(2)

AB + AD > BD … (3)

और BC + CD > BD …. (4)

(1), (2), (3) और (4) को दोनों ओर जोड़िए

2(AB + BC + CD + AD) > 2(AC + BD)

या (AB + BC + CD + AD) > (AC + BD)

प्रश्न 5 ABCD एक चतुर्भुज है। क्या AB + ,BC + CD + DA < 2(AC + BD) ?

उत्तर- माना ABCD एक चतुर्भुज है और AC और BD इसके कर्ण हैं जो 0 पर काटते हैं।

त्रिभुज की असमिकाओं का प्रयोग करके 

ΔOAB में, OA + OB > AB …. (1)

इसी प्रकार, ΔBOC, AΔCOD और ΔAOD से क्रमशः हमें प्राप्त होता है।

OB + OC > BC …. (2)

OC + OD > DC …. (3)

OD + OA > DA …. (4)

इन चारों परिणामों (1), (2), (3) और (4) को जोड़ने

2(OA + OB + OC + OD) > AB + BC + CD + DA

या 2(OA + OC) + 2(OB + OD) > AB + BC + CD + DA

या 2(AC + BD) > AB + BC + CD + DA

या AB + BC + CD + DA < 2(AC + BD)

प्रश्न 6 एक त्रिभुज की दो भुजाओं की माप 12cm तथा 15cm है। इसकी तीसरी भुजा की माप किन दो मापों के बीच होनी चाहिए?

उत्तर- माना तीसरी भुजा की लम्बाई x cm है। तो 12 + 15 >x, x + 12 > 15 और x + 15 > 12

या 27 > x, x > 3 और x > – 3

3 और 27 के बीच की संख्याएँ इन्हें सन्तुष्ट करेंगी।

∴ तीसरी भुजा की लम्बाई 3cm और 27cm के बीच कोई लम्बाई होगी।

प्रश्नावली 6.5 (पृष्ठ संख्या 142)

प्रश्न 1 PQR एक त्रिभुज है जिसका P एक समकोण है। यदि PQ = 10cm तथा PR = 24cm तब QR ज्ञात कीजिए

उत्तर- समकोण ΔPQR में पाइथागोरस प्रमेय का प्रयोग करने पर,

QR2 = PQ2 + PR2

इसलिए, QR2 = 242 + 102
= 576 + 100
= 676 = 262
QR = 26cm

प्रश्न 2 ABC एक त्रिभुज है जिसका C एक समकोण है। यदि AB = 25cm तथा AC = 7cm तब BC ज्ञात कीजिए।

उत्तर- समकोण ΔABC में पाइथागोरस प्रमेय का प्रयोग करने पर,
AB2 = AC2 + BC2

इसलिए, BC2 = AB2 – AC2
= 252 – 72
या BC2 = (25 + 7) (25 – 7)
= 32 × 18 = 16 × 2 × 18
या BC2 = 16 × 36 = (4 × 6)2
या BC = 4 × 6 = 24cm

प्रश्न 3 दीवार के सहारे उसके पैर कुछ दूरी पर टिका. कर 15m लम्बी एक सीढ़ी भूमि से 12m ऊँचाई पर स्थित खिड़की तक पहुँच जाती A है। दीवार से सीढ़ी के पैर की दूरी ज्ञात कीजिए।

Diagram

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उत्तर- माना AB सीढ़ी है और B खिड़की है तो,

AB = 15m और BC = 12m

क्योंकि AABC एक समकोण त्रिभुज है जिसका कोण C समकोण है, इसलिए

AC2 = AB2 – BC2 = 152 – 122

= 225 – 144

= 81 = 92.

या AC = 9m

अतः, दीवार से सीढ़ी के पैर की दूरी 9m है।

प्रश्न 4 निम्नलिखित में भुजाओं के कौनसे समूह एक समकोण त्रिभुज बना सकते हैं?

  1. 2.5cm, 6.5cm, 6cm
  2. 2cm, 2cm, 5cm
  3. 1.5cm, 2cm, 2.5cm

समकोण त्रिभुज होने की स्थिति में उसके समकोण को भी पहचानिए।

उत्तर-

  1. माना a = 2.5cm, b = 6.5cm और c = 6cm तो .
    a2 + c2 = (2.5)2 + 62
    = 6.25 + 36 = 42.25
    और b2 = (6.5)2 = 42.25
    इसलिए, a2 + c2 = b2
    अतः, दी गई भुजाएँ एक समकोण त्रिभुज बना सकती हैं और समकोण भुजा 6.5cm का सम्मुख कोण होगा।
  2. माना a = 2cm, b = 2cm और c = 5cm
    a2 + b2 = 22 + 22
    = 4 + 4 = 8
    c2 = 52 = 25
    इसलिए, a2 = b2 ≠ c2
    अतः, दी गई भुजाएँ समकोण त्रिभुज नहीं बना सकती हैं।
  3. माना a = 1.5cm, b = 2cm और c = 2.5cm
    a2 + b2 = 1.52 + 22
    = 2.25 + 4 = 6.25 और
    c2 = (2.5)2 = 6.25
    इसलिए, a2 + b2 = c2
    अतः, दी गई भुजाएँ समकोण त्रिभुज बना सकती हैं और 2.5cm की भुजा का सम्मुख कोण समकोण होगा।

प्रश्न 5 एक पेड़ भूमि से 5m की ऊँचाई पर टूट जाता है और उसका ऊपरी सिरा भूमि को उसके आधार से 12m की दूरी पर छूता है। पेड़ की पूरी ऊँचाई ज्ञात कीजिए।

उत्तर- माना ACB टूटने से पहले पेड़ है जो C बिन्दु से टूटता है और इसका ऊपरी हिस्सा A जमीन पर A’ पर छूता है तो ΔA’BC एक समकोण त्रिभुज बनाता है। जिसका B समकोण है तथा A’B = 12m, BC = 5m

पाइथागोरस प्रमेय द्वारा
(AC)2 = (A’B)2 + (BC)2
(A’C)2 = 122 + 52
= 144 + 25 = 169 = 132
AC = 13
AC = A’C = 13 m [∵ AC = AC]
AB = AC + BC = (13 + 5) m
= 18m
अतः, टूटने से पहले पेड़ की ऊँचाई 18m थी।

प्रश्न 6 त्रिभुज PQR में कोण Q = 25° तथा कोण R = 65° हैं। निम्नलिखित में से कौनसा कथन सत्य है?

Shape

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  1. PQ2 + QR2 = RP2
  2. PO2 + RP2 = OR2
  3. RP2 + QR2 = PQ2

उत्तर- कोण योग गुण द्वारा,

∠P + ∠Q + ∠R = 180°

इसलिए, ∠P + 25° + 65° = 180°

या ∠P + 90° = 180°

∠P = 180° – 90° = 90°

∴ ΔPQR एक समकोण त्रिभुज है जिसका P समकोण है।

∴ पाइथागोरस प्रमेय द्वारा,

PQ2 + RP2 = QR2

अतः (ii) सत्य है। उत्तर

प्रश्न 7 एक आयत की लम्बाई 40cm है तथा उसका एक विकर्ण 41cm है। इसका परिमाप ज्ञात कीजिए।

उत्तर-

माना ABCD एक P आयत है जिसमें AB = 40m और AC = 41m

समकोण ΔABC में कोण B समकोण है।

पाइथागोरस प्रमेय द्वारा

BC2 = AC2 – AB

= 412 – 402 = (41 + 40) (41 – 40)

= 81 × 1 = 81 = 92

या BC = 9m

अब, आयत का परिमाप = 2(AB + BC)

= 2(40 + 9)m

= 2 × 49m

= 98m

प्रश्न 8 एक समचतुर्भुज के विकर्ण 16cm तथा 30cm हैं। इसका परिमाप ज्ञात कीजिए।

उत्तर-

माना MNOP एक समचतुर्भुज है जिसमें

MO = 30cm और NP =. 16cm

MK यह देखा जा सकता है कि समचतुर्भुज के विकर्ण एक-दूसरे को समकोण पर काटते हैं।

∴ ΔMRN में,

MR = 12 MO

=12 × 30cm = 15cm,

RN = 12 NP

= 12 × 16cm = 8cm,

और ∠MRN = 90°

∴ पाइथागोरस प्रमेय द्वारा

MN2 = MR2 + RN2

= 152 + 82

= 225 + 64 = 289 = 172

या MN = 17cm

∴ समचतुर्भुज का परिमाप = 4 × MN

= 4 × 17cm

= 68cm