अध्याय-1: पर्यावरण

हमारा पर्यावरण

पर्यावरण हमारे जीवन का मूल आधार है। यह हमें साँस लेने के लिए, पीने के लिए जल, खाने के लिए भोजन एवं रहने के लिए भूमि प्रदान करता है।

प्रत्येक जीवित जीव पर्यावरण से घिरा हुआ है। जीवों को घेरने वाले स्थान, प्रकृति या चीजें उनके पर्यावरण के रूप में जानी जाती हैं।

पर्यावरण में प्राकृतिक और मानव निर्मित वातावरण होते हैं। प्राकृतिक पर्यावरण को आगे जैविक और अजैविक वातावरण में विभाजित किया जा सकता है। मानव निर्मित पर्यावरण से तात्पर्य मानवों के बीच कृतियों (जैसे भवन, बस आदि), गतिविधियों और परस्पर क्रियाओं से है।

प्राकृतिक पर्यावरण

प्राकृतिक पर्यावरण का तात्पर्य जैविक और अजैविक दोनों प्रकार के वातावरण से है।

जैविक पर्यावरण: इसमें सभी जीवित जीव जैसे पौधे, जानवर, मनुष्य आदि शामिल हैं।

अजैविक पर्यावरण: इसमें सभी निर्जीव चीजें जैसे भूमि, समुद्र आदि शामिल हैं।

पर्यावरण का अस्तित्व आवश्यक है क्योंकि यह विभिन्न जीवों को जीवन प्रदान करता है। इसमें वह हवा होती है जिसमें हम सांस लेते हैं, जो पानी हम पीते हैं, जो खाना हम खाते हैं और जिस जमीन पर हम रहते हैं। मनुष्य ने पर्यावरण को काफी हद तक बदल दिया है या बदल दिया है। यह सड़कों, भवनों, बांधों, उद्योगों, कारों आदि का निर्माण करके किया गया है।

प्राकृतिक पर्यावरण में भूमि, जल, पौधे, पशु और वायु शामिल हैं। प्राकृतिक पर्यावरण को आगे स्थलमंडल, जलमंडल, वायुमंडल और जीवमंडल में विभाजित किया जा सकता है।

स्थलमंडल:

• यह पृथ्वी की सबसे ऊपरी कठोर परत है जो मिट्टी की एक पतली परत से ढकी होती है।

• यह चट्टानों और खनिजों से बना है।

• पृथ्वी का स्थलमंडल असमान है क्योंकि इसमें कई भू-आकृतियाँ हैं जैसे पहाड़, पठार, घाटियाँ और मैदान।

• पृथ्वी के इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वन, घास के मैदान और भूमि है। वन हमें लकड़ी, भोजन, ईंधन और चारा प्रदान करते हैं। घास के मैदानों का उपयोग चराई के लिए किया जाता है जबकि भूमि का उपयोग खेती और मानव बस्तियों के निर्माण के लिए किया जाता है।

जलमंडल :

• पृथ्वी का वह क्षेत्र जिसमें जल होता है, जलमंडल के नाम से जाना जाता है।

• जलमंडल में विभिन्न जल निकाय जैसे महासागर, नदियाँ, झीलें आदि शामिल हैं।

• यह क्षेत्र महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सभी जीवित जीवों के लिए पानी का स्रोत है।

पृथ्वी का जलमंडल: उद्भव एवं विकास | Hindi Water Portal

जलमंडल

वायुमंडल :

• वायुमंडल हवा की एक पतली परत है जो पृथ्वी को घेरे रहती है। पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव पृथ्वी के चारों ओर वायुमंडल को धारण करता है।

• वातावरण एक कंबल के रूप में कार्य करता है और सूर्य की हानिकारक किरणों और अत्यधिक गर्मी से हमारी रक्षा करता है।

• वातावरण में विभिन्न गैसें, धूल और जलवाष्प शामिल हैं।

Vayumandal Ki Parte - वायुमण्डल की परतें

जीवमंडल :

• पादप और जंतु जगत मिलकर जीवमंडल का निर्माण करते हैं। इसलिए जीवमंडल जीवन का समर्थन करता है।

• यह पृथ्वी का एक संकीर्ण क्षेत्र है जहाँ भूमि, जल और वायु एक दूसरे के साथ परस्पर क्रिया करते हैं।

जीवमंडल परिभाषा क्या है - jeev mandal kya hai - Rexgin

पारितंत्र

पेड़-पौधे जिव जंतु एवं मानव अपने आस-पास के पर्यावरण पर आश्रित होते है प्रया : वे एक दूसरे पर भी आश्रति हैं जीवधरियो का आपसी एवं अपने आस-पास के पर्यावरण के बीच का संबंध ही परितंत्र का निर्माण करता है।

वन, घासस्थल, रेगिस्तान, पर्वत, झील, नदी, महासागर परितंत्र के उदाहरण है।

मानव पर्यावरण

• मनुष्य पर्यावरण के साथ रहते हैं और तालमेल बनाए रखते है। वे इसे अपनी आवश्यकताओं के अनुसार बदलते या परिवर्तित करते हैं।

• मनुष्य अपने आसपास मौजूद पर्यावरण से अपनी सभी जरूरतों को पूरा करता है।

• मानव की जरूरतें और जरूरतें समय के साथ बदलती रहती हैं। पहले मनुष्य ने पहिये का आविष्कार किया और माल को विभिन्न स्थानों पर पहुँचाया। इससे व्यापारिक गतिविधियों के विकास में मदद मिली। इसके बाद औद्योगिक क्रांति ने बड़े पैमाने पर माल के उत्पादन को और बढ़ाया।

• मनुष्यों ने खेती, मकान बनाने, सड़कें, उद्योग आदि के लिए भूमि साफ करके पर्यावरण को भी बदला या संशोधित किया है।

• मनुष्य न केवल अपनी आवश्यकताओं के अनुसार पर्यावरण को बदलता है बल्कि पर्यावरण के अनुसार स्वयं को भी बदलता है। उदाहरण के लिए, तरबूज का सेवन आमतौर पर गर्मियों में शरीर के तापमान को कम रखने के लिए किया जाता है।

• हालांकि, मनुष्यों द्वारा पर्यावरण में बहुत अधिक परिवर्तन इसे नुकसान पहुंचा सकते हैं। वनों की कटाई, खनिज संसाधनों का तेजी से समाप्त होना आदि पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हमें अपने पर्यावरण को शांतिपूर्ण तरीके से जीना और उपयोग करना चाहिए।

Deforestation - Causes, Effects and Solutions To Clearing of Forests -  Conserve Energy Future

मनुष्यों द्वारा अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए

तेजी से वनों की कटाई पर्यावरण के लिए हानिकारक है

NCERT SOLUTIONS

प्रश्न (पृष्ठ संख्या 6)

प्रश्न 1 निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-

  1. पारितंत्र क्या है ?
  2. प्राकृतिक पर्यावरण से आप क्या समझते है ?
  3. पर्यावरण के प्रमुख घटक कौन – कौन से हैं ?
  4. मानव – निर्मित पर्यावरण के चार उदाहरण दीजिए।
  5. स्थलमंडल क्या है ?
  6. जीवीय पर्यावरण के दो प्रमुख घटक क्या हैं ?
  7. जैवमंडल क्या है ?

उत्तर –

  1. वह तंत्र जिसमें समस्त जीवधारी आपस में एक – दूसरे के साथ तथा पर्यावरण के उन भौतिक एवं रासायनिक कारकों के साथ परस्पर क्रिया करते हैं जिसमें वे निवास करते है। ये सब ऊर्जा और पदार्थ के स्थानांतरण द्वारा संबद्ध हैं।
  2. वे सभी वस्तुएँ जो हमारी प्रकृति द्वारा उपलब्ध होती है अर्थात भूमि, जल, वायु, पेड़ – पौधे एवं जीव – जंतु सब मिलकर प्राकृतिक पर्यावरण बनाते है। प्राकृतिक पर्यावरण से तात्पर्य यह है कि पृथ्वी पर जैविक और अजैविक कारको का विद्यमान होना।
  3. पर्यावरण के प्रमुख घटक मानव, प्राकृतिक और मानव निर्मित है।
  1. मानव निर्मित पर्यावरण से तात्पर्य यह है कि जो मानव द्वारा बनाए गए हो जैसे:- पार्क, ईमारतें, सड़के, पुल, उद्योग, स्मारक आदि मानव द्वारा निर्मित पर्यावरण के उदाहरण है।
  2. पृथ्वी की ठोस पर्पटी या कठोर ऊपरी परत को स्थलमंडल कहते हैं। यह चट्टानों एवं खनिजों से बना होता है एवं मिट्टी की पतली परत से ढका होता है। यह पहाड़, पठार, मैदान, घाटी आदि जैसी विभिन्न स्थलाकृतियों वाला विषम धरातल होता है। ये स्थलाकृतियाँ महाद्वीपों के अलावा महासागर की सतह पर भी पाई जाती है। स्थलमंडल वह क्षेत्र है जो हमें वन, कृषि एवं मानव बस्तियों के लिए भूमि, पशुओं को चलने के लिए घास स्थल प्रदान करता है। यह खनिज संपदा का भी एक स्त्रोत है।
  1. जीवीय पर्यावरण वो कहलाते है जिसमें संसार के सभी सजीव प्राणी आ जाते है जैसे :- पादप एवं जंतु अर्थात पेड़ – पौधे, पशु – पक्षी।
  2. पादप एवं जीव – जंतु मिलकर जैवमंडल और सजीव संसार का निर्माण करते है। यह पृथ्वी का वह संकीर्ण क्षेत्र है जहाँ स्थल, जल एवं वायु मिलकर जीवन को संभव बनाते है।

प्रश्न 2 सही (√)  उत्तर चिह्नित कीजिए :-

1. इनमें से कौन – सा प्राकृतिक परितंत्र नहीं है ?

(क) मरूस्थल  (ख) ताल  (ग) वन

2. इनमें से कौन – सा मानवीय पर्यावरण का घटक नहीं है ?

(क) स्थल  (ख) धर्म  (ग) समुदाय

3. इनमें से कौन–सा मानव निर्मित पर्यावरण है ?

(क) पहाड़   (ख) समुन्द्र   (ग) सड़क

4. इनमें से कौन – सा पर्यावरण के लिए खतरा है?

(क) पादप – वृद्धि   (ख) जनसंख्या – वृद्धि  (ग) फसल वृद्धि

उत्तर –

  1. (ख) ताल
  2. (क) स्थल
  3. (ग) सड़क
  4. (ख) जनसंख्या वृद्धि

प्रश्न 3 निम्नलिखित स्तम्भों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए :-

उत्तर –

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प्रश्न 4 कारण बताइए:-

  1.  मानव अपने पर्यावरण में परिवर्तन करता है।
  2. पौधे एवं जीव – जंतु एक – दूसरे पर आश्रित है।

उत्तर –

  1. पर्यावरण हमारे जीवन का मूल आधार है। यह हमें साँस लेने के लिए हवा, पीने के लिए जल, खाने के लिए भोजन एवं रहने के लिए भूमि प्रदान करता है अर्थात मानव अपनी विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति पर्यावरण से करता है। कार का धुआँ वायु को प्रदूषित करता है, पानी को पात्र में एकत्रित किया जाता है, भोजन को बर्तनों में परोसा जाता है और भूमि पर कारखानों का निर्माण होता है। मानव कार, मिल, कारखानों एवं बर्तनों का निर्माण करता है, फलस्वरुप अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए मानव अपने पर्यावरण में परिवर्तन करता है।
  2. सभी प्रकार के जीव–जंतु भोजन के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पेड़–पौधों पर आश्रित होते है। पेड़–पौधे ऑक्सीजन गैस छोड़ते हैं। यह जीव – जंतुओं के लिए जीवनदायिनी गैस है। ये पर्यावरण को स्वच्छ रखते हैं तथा जंगली जानवरों को आश्रय देते हैं। पशुओं का गोबर तथा मृत व सड़े–गले जानवर पेड़ों के विकास के लिए भूमि को आवश्यक पोषक तत्त्व प्रदान करते हैं। जीवधारियों का आपसी एवं अपने आस–पास के पर्यावरण के बीच का संबंध ही पारितंत्र का निर्माण करते है।

प्रश्न 5 एक आदर्श पर्यावरण की कल्पना कीजिए जिसमें आप रहना चाहेगे। अपने इस आदर्श पर्यावरण का चित्र बनाए।

A picture containing graphical user interface

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उत्तर – पर्यावरण शब्द का निर्माण दो शब्दों परि और आवरण से मिलकर बना है, जिसमें परि का मतलब है हमारे आसपास अर्थात जो हमारे चारों ओर है, और ‘आवरण’ जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। आदर्श पर्यावरण में पेड़, झाड़ियाँ, बगीचा, नदी, झील, हवा इत्यादि शामिल हैं। सभी एक ऐसे आदर्श पर्यावरण की कल्पना करते है जिसमें चारों तरफ हरियाली हो किसी भी प्रकार से कोई जगह,  हवा दूषित ना हो। यह हमें बढ़ने तथा विकसित होने का बेहतर माध्यम देता है, यह हमें वह सब कुछ प्रदान करता है जो इस ग्रह पर जीवन यापन करने हेतु आवश्यक है। हमारा पर्यावरण भी हमसे कुछ मदद की अपेक्षा रखता है जिससे की हमारा लालन पालन हो, हमारा जीवन बने रहे और कभी नष्ट न हो। यह सब तभी मुमकिन है जब हमारा समाज अच्छे से साफ़ सफाई के साथ साथ पर्यावरण को दूषित होने से बचाए। वाहनों से निकलने वाला धुआँ, औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला धुँआ, आणविक यंत्रों से निकलने वाली गैसें तथा धूल-कण, जंगलों में पेड़ पौधें के जलने से, कोयले के जलने से तथा तेल शोधन कारखानों आदि से निकलने वाला धुआँ तथा किसी भी कार्य के लिए पेड़ों को काट देना। यह सब बंद हो तभी हमारा पर्यावरण एक आदर्श पर्यावरण हो सकता है और हम इसी आदर्श पर्यावरण की कल्पना करते है, जहाँ चारों ओर शांति हो, वायु और पानी प्रदूषित ना हो।