अध्याय-1:    पादपों में पोषण

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पोषक

भोजन का प्रमुख कार्य स्वस्थ शरीर के विकास हेतु आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करना है, जो शरीर के विकास एवं विभिन्न क्रियाओं के संचालन हेतु अतिआवश्यक है। भोजन कई रासायनिक पदार्थों के सम्मिश्रण से बना होता है, जो शरीर को पोषण के रूप में प्राप्त होते हैं। लगभग 50 रासायनिक पदार्थ भोजन में उपस्थित रहते हैं, जिन्हें पोषक तत्व कहा जाता है। 

पोषण का पौधो के स्वास्थ्य के साथ धनात्मक संबंध है,

पोषण

सजीवों द्वारा भोजन ग्रहण करने एवं इसके उपयोग की विधि को पोषण कहते हैं।

पोषण के प्रकार

पोषण दो प्रकार के होते हैं- 

1. स्वपोषी पोषण या स्वपोषण

2.  परपोषी पोषण या विषमपोषी पोषण

स्वपोषी पोषण या स्वपोषण

जिसमें जीव अपना भोजन स्वयं संश्लेषित करते हैं ऐसे पादपों को स्वपोषी कहते हैं। वो जीव जो अकार्बनिक यौगिकों, कार्बन डाइऑक्साइड, पानी और लाइट के जरिए खुद अपना भोजन बनाते हैं, उन्हें स्वपोषी पोषण (Autotrophic Nutrition) कहा जाता है। इसी क्रिया को स्वपोषण बोलते हैं। आसान शब्दों में कहें, तो वह जीव जो अपना खाना खुद ही बनाते हैं, उन्हें स्वपोषी कहते हैं और इनकी यह क्रिया स्वपोषी पोषण कहलाती है। हरे पेड़-पौधे स्वपोषण क्रिया करते हुए अपना भोजन स्वयं ही बनाते हैं। पेड़-पौधों द्वारा अपना भोजन बनाने की क्रिया को प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) कह जाता है। ये क्लोरोफिल तथा लाइट की मौजूदगी में पानी और कार्बन डाइऑक्साइड से भोजन बनाते हैं और भोजन के अंदर कार्बोहाइड्रेट का निर्माण भी करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान ऑक्सीजन मुक्त होती रहती है। जैसे :- पेड़- पौधे

परपोषी पोषण या विषमपोषी पोषण

विषमपोषी वह होता है जो अपना भोजन स्वयं नहीं बनाता है अर्थात् दुसरो पर निर्भर रहता है। वो जीव जो अपना खाना खुद नहीं बना सकते और अपने खाने के लिए दूसरे जीवों पर निर्भर रहते हैं, उन्हें परपोषी या विषमपोषी (Heterotrophic) जीव कहा जाता है। इस क्रिया को परपोषी पोषण या विषमपोषण (Heterotrophic Nutrition) कहा जाता है। आसान शब्दों में कहें, तो वह जीव जिन्हें अपना भोजन दूसरों से मिलता है और जो स्वयं अपना भोजन नहीं बनाते, परपोषी या विषमपोषी कहलाते हैं और पोषण की यह क्रिया परपोषी पोषण या विषमपोषी पोषण कहलाती है। इस तरह के जीव पूरी तरह से दूसरे जीवों पर ही निर्भर रहते हैं।

जैसे :– मानव और कोई भी जानवर।

A close-up of a bug

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कीटभक्षी :- ऐसे पादप भी है, जो कीटों को पकड़ते हैं तथा उन्हें पचा जाते है ऐसे कीटभक्षी पादप कहलाते हैं

carnivorous plant | Description & Facts | Britannica

प्रकाश संश्लेषण

सभी हरे पौधे स्वपोषी होते हैं। वे अपना भोजन बनाने के लिए कार्बन डाइ आक्साईड, पानी तथा खनिज लवण जैसी कच्ची सामग्री का उपयोग करते हैं। हरे पौधों में भोजन बनाने की यह प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण द्वारा होती है। हरे पौधे अपना भोजन बनाने के लिये सरल पदार्थों से जटिल पदार्थ बनाते हैं। वे ऐसा सूर्य के प्रकाश से ऊर्जा लेकर करते हैं इसीलिए इस प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं। हरे पौधें अपना भोजन सूर्य के प्रकाश और क्लोरोफिल की उपस्थिति में स्वंय बनाते हैं। इस प्रक्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं।

Natural Science - Forms of live - Living things | Baamboozle

प्रकाश-संश्लेषण के लिये आवश्यकताएँ

  • कार्बन-डाइ-आक्साइड (Carbon-di-oxide)
  • जल (Water)
  • क्लोरोफिल (Chlorohyll)
  • सूर्य का प्रकाश (Sunlight)

कार्बन-डाइ-आक्साइड

कार्बनडाई-आक्साइड का रसायनिक सूत्र CO2 है। यह गैस मुख्यतः श्वसन एवं दहन क्रिया में उत्पन्न होती है। पौधे इस कार्बन डाई आक्साइड गैस का उपयोग करने की क्षमता रखते हैं। वे अपना भोजन बनाने के लिए इस गैस का उपयोग करते हैं। स्थलीय पौधे वायुमण्डल से कार्बनडाई-आक्साइड गैस लेते हैं जबकि जलीय पौधे पानी में घुली हुई कार्बन-डाई-आक्साइड लेते हैं। दिन के समय जब सूर्य का प्रकाश उपलब्ध होता है, तब पौधे प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया में इस कार्बन-डाई-आक्साइड गैस को स्थिर कर देते हैं। रात्रि के समय पौधे प्रकाश-संश्लेषण क्रिया नहीं करते अपितु संचित स्टार्च (कार्बोहाइड्रेट) का उपापचयन करते हैं और कार्बन-डाई-आक्साइड गैस वायुमण्डल में छोड़ते हैं। जब प्रकाश-संश्लेषण की दर कम होती है जैसे- छाया में या उषा काल या सायं काल, उस समय श्वसन प्रक्रिया द्वारा उत्सर्जित कार्बन-डाई-आक्साइड की मात्रा प्रकाश-संश्लेषण प्रक्रिया के लिए पर्याप्त होती है। यह अवस्था जिसमें वायुमण्डल की कार्बन-डाई-आक्साइड का अंतग्रहण नहीं होता, संतुलन प्रकाश तीव्रता कहलाती है।

जल

जल का रसायनिक सूत्र H2O है। आपने देखा होगा कि माली बाग में अथवा किसान खेत में फसल को पानी देते है। वे ऐसा क्यों करते हैं? पौधों की जड़ें इस जल को अवशोषित करती हैं और जाईलम (Xylem) द्वारा पत्तियों तक पहुंचा देती हैं। पौधों की जड़ें जल के साथ-साथ अधिकांश घुलनशील खनिज़, लवण भी अवशोषित करती हैं। ये खनिज लवण भी प्रकाश-संश्लेषण की प्रक्रिया को पूरा करने में अपना योगदान देते हैं।

पर्णहरित

पौधों की पत्तियाँ सामान्यतः हरे रंग की होती है।पत्तियों का हरा रंग उनमें उपस्थित एक हरे रंग के वर्णक के कारण होता है। इस हरे रंग के वर्णक को ही क्लोरोफिल या पर्णहरित कहा जाता है। वर्णहरित के चार घटक हैं- क्लोरोफिल-ए, क्लोरोफिल-बी, कैरोटीन तथा जैंथोफिल।

इनमें से क्लोरोफिल-ए तथा बी हरे रंग के होते हैं तथा ऊर्जा का अवशोषण एवं स्थानान्तरण करते हैं। ये सूर्य के प्रकाश से फोटोन अवशोषित करते हैं।कैरोटीन एवं जैंथोफिल क्लोरोफिल ए तथा बी को आक्सीकरण से बचाते हैं एवं ऊर्जा का अवशोषण भी करते हैं।

क्लोरोफिल प्रकाश-संश्लेषण के लिए आवश्यक है। इसीलिए जिन कोशिकाओं में क्लोरोफिल होता है, उन्हें प्रकाश-संश्लेषी कोशिकायें  कहा जाता है। पौधों के पत्तों एवं तनों में क्लोरोफिल पाया जााता है। इसीलिये पत्तों एवं हरे तनों को प्रकाश-संश्लेषी अंग कहा जाता है। पत्तों एवं हरे तनों की कोशिकाओं में ‘क्लोरोप्लास्ट नाम का अंगक होता है जिसमें क्लोरोफिल पाया जाता है। क्लोरोप्लास्ट को पौधे का प्रकाश-संश्लेषी अंगक कहा जाता है। छोटे हरे तनों तथा फलों में पर्याप्त मात्रा में क्लोरोफिल होता है। शैवाल का लगभग सारा पौधा ही प्रकाश-संश्लेषी होता है।

प्रकाश

प्रकाश संश्लेषण में सूर्य का प्रकाश प्राकृतिक स्रोत है, परन्तु कुछ कृत्रिम स्रोत भी इस प्रक्रिया को करने में समर्थ होते हैं। क्लोरोफिल प्रकाश में से बैंगनी, नीला तथा लाल रंग ग्रहण करता है। परन्तु प्रकाश संश्लेषण की दर लाल प्रकाश में सबसे अधिक होती है।

प्रकाश संश्लेषण के दौरान होने वाली अभिक्रिया का समीकरण:-

कार्बन डाइऑक्साइड + जल (+ सूर्य के प्रकाश + क्लोरोफिल) कार्बोहाइड्रेट + ऑक्सीजन

सभी जीवों के लिए सूर्य ऊर्जा का चरम स्रोत है।

खाद्य फैक्ट्री

केवल पादप ही ऐसे जीव हैं, जो जल, कार्बनडाइऑक्साइड एवं खनिज की सहायता से अपना भोजन बना सकते हैं। ये सभी पदार्थ उनके परिवेश में उपलब्ध् होते हैं। चूँकि पादपों में खाद्य पदार्थों का संश्लेषण उनकी पत्तियों में होता है इसलिए पत्तियाँ पादप की खाद्य फैक्ट्रियाँ हैं।

पादपों में खाद्य पदार्थों का संश्लेषण उनकी पत्तियों में होता है।

Photosynthesis - WUR

रन्ध्र

पौधों की पत्तियों में एपिडर्मिस कोशिका के ऊपर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिसे रंध्र कहते हैं जो एक जोड़ी रक्षक कोशिकाओं से घिरे होते हैं। रंध्र तीक्ष्णता रक्षक कोशिकाओं के अनुसार खुलते और बंद होते हैं। यह सूक्ष्मदर्शी यंत्र से को देखा जा सकता है।

Microscopic Footage Of The Stomata Of A Plant Leaf Opening And Closing Sped  Up 140 Times High-Res Stock Video Footage - Getty Images

रंध्र तनों या कुछ पौधों के अन्य भागों पर भी पाए जाते हैं। प्रकाश संश्लेषण और गैसीय विनिमय में रंध्र महत्वपूर्ण हैं, वे खुलने और बंद होने के माध्यम से वाष्पोत्सर्जन दर को नियंत्रित करते हैं। पत्तियों की स्तनों पर छोटे-छोटे छिद्र पाए जाते है जिससे गैसों का आदान-प्रदान होता है। ऐसे छिद्रों को रन्ध्र कब्ते है।

क्लोरोफिल

पत्तियों में एक हरा वर्णक होता है जिसे क्लोरोफिल कहते हैं।

खाद्य संश्लेषण

हरे पादप प्रकाश संश्लेषण प्रक्रम द्वारा अपना खाद्य स्वयं संश्लेषित करते हैं। हरे पादप कार्बन डाइऑक्साइड, जल एवं खनिज जैसे सरल रासायनिक पदार्थों का उपयोग खाद्य संश्लेषण के लिए करते हैं।

शैवाल

आपने गीली दीवारों पर, तालाब अथवा ठहरे हुए जलाशय में हरे अवपंकी ( काई जैसे पादप ) देखें होंगे। 

What Is The Ecological Importance Of Algae? - WorldAtlas

ये सामान्यतः कुछ जीवों की वृद्धि के कारण बनते हैं, जिन्हें शैवाल कहते हैं।

राइजोबियम

राइजोबियम वायुमण्डलीय नाइट्रोजन को विलय पदार्थों में परिवर्तित कर देते हैं। फलीदार पौधों की जडों की ग्रंथिकाओं में राइजोबियम नामक जीवाणु पाया जाता है जो वायुमंडलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण कर फसल की पैदावर बढ़ाने में सहायक है.

राइजोबियम दलहनी फसलों में प्रयोग होने वाला एक जैव उवर्रक है.ये चना, मटर , मूँग , सेम तथा अन्य फलीदार पादपों की जड़ो में रहते हैं तथा उन्हें नाइट्रोजन की आपूर्ति करते हैं।

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प्रकाश संश्लेषण का महत्व

(a) प्रकाश संश्लेषण [फोटोसिंथेसिस (Photosynthesis)] सभी जीवों के लिए भोजन का मुख्य श्रोत है। सभी जीव प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पौधों द्वारा संश्लेषित भोजन पर निर्भर करते हैं।

(b) हम तथा अन्य जीव श्वास के क्रम में कार्बन डायऑक्साइड छोड़ते हैं जो कि एक हानिकारक गैस है। प्रकाश संश्लेषण के क्रम इस हानिकारक गैस कार्बन डायऑक्साइड का अवशोषण होता है तथा प्राण वायु ऑक्सीजन निकलती है।

(b) हम तथा अन्य जीव श्वास के क्रम में कार्बन डायऑक्साइड छोड़ते हैं जो कि एक हानिकारक गैस है। प्रकाश संश्लेषण के क्रम इस हानिकारक गैस कार्बन डायऑक्साइड का अवशोषण होता है तथा प्राण वायु ऑक्सीजन निकलती है।

(d) प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में कार्बन डायऑक्साइड का अवशोषण तथा ऑक्सीजन का उत्सर्जन वातावरण में दोनों गैस के आवश्यक स्तर को बनाये रखता है।

कई हरे रंग विहीन पत्तियों में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया

पादपों की पत्तियाँ कई रंग की होती हैं। कई अन्य रंगों की पत्तियों में भी क्लोरोफिल होता है। परंतु इन पत्तियों में उपस्थित लाल, भूरे अथवा अन्य रंग क्लोरोफिल के हरे रंग का प्रच्छादन कर देते हैं अर्थात ढ़क लेते हैं। इन पत्तियों में भी प्रकाश संश्लेषण होता है।

शैवाल में प्रकाश संश्लेषण

शैवाल (काई) हरे रंग का पादप होता है। शैवाल प्राय: तालाब तथा अन्य रूके हुए जल में पाया जाता है। घर के वैसे जगहों जहाँ हर समय पानी गिरता रहता है यथा नाले के मुहाने, छत या बालकनी में नाले आदि के पास भी शैवाल जन्म ले लेता है। शैवाल को घरों तथा तालाबों में आसानी से देखा जाता है। शैवाल फिसलन भरा होता है, असावधानी की स्थिति में शैवाल पर लोग फिसल कर गिर सकते हैं। शैवाल को काई भी कहा जाता है। शैवाल को अंग्रेजी में अल्गा (Algae) कहा जाता है।

चूँकि शैवाल में क्लोरोफिल पाया जाता है अत: शैवाल में भी प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया होती है।

पादपों में कार्बोहाइड्रेट के अतिरिक्त अन्य खाद्यों का संश्लेषण

प्रकाश संश्लेषण के प्रक्रम में पादप कार्बोहाइड्रेट बनाते हैं। कार्बोहाइड्रेट एक कार्बनिक पदार्थ है जो हाइड्रोजन, कार्बन तथा ऑक्सीजन से बना होता है। इनका उपयोग भोजन के अन्य घटक यथा प्रोटीन तथा वसा बनाने में किया जाता है। लेकिन प्रोटीन के संश्लेषण में नाइट्रोजन की भी आवश्यकता होती है। नाइट्रोजन हवा में पर्याप्त मात्रा में वर्तमान होता है लेकिन पादप नाइट्रोजन को हवा से अवशोषित नहीं करते हैं।

पादप अन्य खनिज यथा नाइट्रोजन कैसे प्राप्त करते हैं?

पादप नाइट्रोजन मिट्टी से अवशोषित करते हैं। मिट्टी में कुछ विशेष तरह के बैक्टीरिया पाये जाते हैं जो मिट्टी में उपस्थित नाइट्रोजन को घुलनशील रूप प्रदान कर मिट्टी में उत्सर्जित कर देते हैं। कई बार किसान भी यूरिया जो कि नाइट्रोजन देता है को खाद के रूप में मिट्टी में मिलाते हैं। यूरिया पौधों के लिए आवश्यक नाइट्रोजन की मात्रा को मिट्टी में बनाये रखता है। पादप मिट्टी से जल के साथ नाइट्रोजन को भी अवशोषित करते हैं। पादप नाइट्रोजन के साथ साथ मिट्टी से अन्य खनिज पदार्थ भी अवशोषित करते हैं।

पादपों में पोषण की अन्य विधियाँ

कई पादप ऐसे हैं जिनमें क्लोरोफिल नहीं पाया जाता है। ये पादप क्लोरोफिल के आभाव में हरे रंग के नहीं होते हैं। क्लोरोफिल नहीं होने के कारण ये पादप अपना स्वय़ं संश्लेषित नहीं करते हैं तथा भोजन के लिए दूसरे हरे रंग के पादपों पर निर्भर होते हैं। ऐसे पादप विषमपोषी प्रणाली द्वारा भोजन प्राप्त करते हैं। ये पादप चूँकि दूसरे जीवों पर निर्भर रहते हैं अत: ये परपोषी कहलाते हैं।

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प्रश्न (पृष्ठ संख्या 8-10)

प्रश्न 1 जीवों को खाद्य की आवश्यकता क्यों होती है? 

उत्तर- जीवों को खाद्य की आवश्यकता निम्न कारणों से होती है

  • काम करने के लिए उर्जा की आवश्यकता होती है |
  • शरीर निर्माण के लिए |
  • शरीर के टूट-फुट की मरम्मत के लिए |
  • कोशिकाओं को नियमित उर्जा प्रदान करने के लिए |

प्रश्न 2 परजीवी एवं मृतजीवी में अंतर स्पष्ट कीजिये |

उत्तर-

  1. परजीवी
  • ये अपना भोजन अन्य जीवों से प्राप्त करते हैं |
  • परजीवी समान्यत: परपोषी के शरीर के ऊपर या भीतर रहते हैं | 
  1. मृतजीवी
  • मृतजीवी अपना पोषण जीवो के मृत और सड़े-गले जेविक पदार्थों से प्राप्त करते है |   
  • मृतजीवी मृत और सड़े-गले पदार्थों के ऊपर रहते है |

प्रश्न 3 आप पती में मंड (स्टार्च) की उपस्थित का परिक्षण कैसे करेगे? 

उत्तर-

  • पातियो पर आयोडीन बिलियन की बूंदे गिराकर हम मंड की उपस्थित का परीक्षण कर सकते है |  
  • जब आयोडीन बिलियन मंड (स्टार्च) के संपर्क में आता है तो एक गहरा नीला रंग नागेर आता है |

प्रश्न 4 हरे पादपो में खाघ संश्लेषण प्रक्रम का संक्षिप्त बिवरण दीजीए | 

उत्तर-

  • पादपो में खाघ संश्लेषण प्रकाश संश्लेषण की क्रीया दवारा संपन्न होता है | 
  • प्रकाश संश्लेषण के दोरान पती की क्लोरोफिल यूक्त कोशिकायें, सूर्य के प्रकाश की उपस्थित में कार्बन डाइऑक्साइड एवं जल से कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण करती है 

प्रश्न 5 किसी प्रवाह चित्र की सहायता से दर्शाइए कि पादप भोजन का मूलभूत स्त्रोत है |   

उत्तर-

प्रकाश संश्लेषण या फोटोसिंथेसिस की पूरी जानकारी चित्र, डायग्राम, समीकरण और  डेफिनेशन ( Photosynthesis in Hindi with diagram )

प्रश्न 6 रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए – 

  1. क्योंकि हरे पादप अपना खाध स्वंय बनाते है, इसलिए उन्हें ……………………कहते है |
  2. पादपो द्वारा संश्लेषित खाध का भंडारन ………………….के रूप में किया जाता है | 
  3. प्रकाश संश्लेषण के प्रक्रम में जिस वर्णक द्वारा सौर ऊर्जा संग्रहित की जाती है | उसे .,……………. कहते हैं | 
  4. प्रकाश संश्लेषण में पादप  वायुमंडल से …………………लेते है तथा …………का उत्पादन करते है 

उत्तर-

  1. स्वपोषी                        
  2. मंड      
  3. क्लोरोफिल                      
  4. कार्बन डाइऑक्साइड  

प्रश्न 7 निम्न कथनों से संबद परिभाषित शब्द बताइंए |

  1. पीत दुर्बल तने वाला परजीवी पादप |
  2. एक पादप जिसमे स्वपोषन एवं विषमपोशी दोनों ही प्रणाली पाई जाती है |
  3. वे रंध्र जिनके द्वारा पतियो में गैसों का आदान-प्रदान (विनिमय) होता है | 

उत्तर-

  1. अमरबेल
  2. घटपर्णी
  3. पर्णरंध्र

प्रश्न 8 सही उत्तर पर (tick) का चिन्ह लगाइए

  1. अमरबेल उदहारण है किसी  
  1. स्वपोषी का |
  2. परजीवी का |
  3. मृत जीवी का |
  4. परपोषी का |
  5. किटो को पकरकर अपना आहार बनाने वाले पादप का नाम हैं 
  1. अमरबेल 
  2. गुडहल 
  3. घटपर्णी (पिचर पादप) 
  4. गुलाब 

उत्तर-

  1. परजीवी का 
  2. घटपर्णी (पिचर पादप)

प्रश्न 9 कालम A में दीए गए शब्दों का मिलान कालम B के शब्दों से कीजीए |

कालम (A)कालम (B)
(a) क्लोरोफिल(i) जीवाणु
(b) नाइट्रोजन(ii) परपोषीत
(c) अमरबेल(iii) घटपर्णी
(d) जंतु(iv) पति
(e) कीटभक्षी(v) परजीवी

उत्तर-

  1. (iv)
  2. (i) 
  3. (v)
  4. (ii)
  5. (iii)

प्रश्न 10 निम्न कथनों में से सत्य एव असत्य कथनों का चयन कीजिए | 

  1. प्रकाश संश्लेषण में कार्बोन डाइऑक्साइड मुक्त होती है |
  2. ऐसे पादप, जो अपना भोजन स्वंय संशालेषित करते है, मृतजीवी कहलाते है | 
  3. प्रकाश संशलेषण का उत्पाद प्रोटीन नहीं है |
  4. प्रकाश संश्लेषण में सौर ऊर्जा क रासायनिक ऊर्जा में रूपांतरण हो जाया है |

उत्तर –

  1. असत्य 
  2. असत्य 
  3. सत्य 
  4. सत्य 

सही विकल्प चूनिए-

प्रश्न 11 पादप के किस भाग दवार प्रकाश संश्लेषण हेतु वायु से कार्बोन डाइऑक्साइड ली जाती है ? 

  1. मूल रोम
  2. रंध्र 
  3. पर्णशिराए
  4. बहरादल

उत्तर-

  1. रध्र  

प्रश्न 12 वायुमंडल से मुख्यत: जिस भाग दवारा पादप कार्बोन डाइऑक्साइड प्राप्त करते है, वह है-  

  1. जर
  2. तना
  3. पुष्प
  4. पत्तियों

उत्तर-

  1. पत्तियों