अध्याय-5: भौतिक एवं रासायनिक परिवर्तन

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दैनिक जीवन में हमें अपने आस-पास बहुत से परिवर्तन दिखाई देते हैं। इन परिवर्तन में एक या अधिक पदार्थ सम्मिलित हो सकते हैं।

व्यापक रूप से, परिवर्तन दो प्रकार के होते हैं।

भौतिक परिवर्तन 

वह परिवर्तन , जिसमें किसी पदार्थ के भौतिक गुणों में परिवर्तन हो जाता है , भौतिक परिवर्तन कहलाता है। पदार्थ में होने वाला वह परिवर्तन जिसमें केवल उसकी भौतिक अवस्था में परिवर्तन होता है तथा उसके रासायनिक गुण व अवस्था में कोई परिवर्तन नहीं होता है। भौतिक परिवर्तन कहलाता है।

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जैसे – शक्कर का पानी में घुलना, कांच का टुटना, पानी का जमना आदि।

भौतिक परिवर्तन से पदार्थ के रंग, रूप, आकार, परिमाप में ही परिवर्तन होता है। इससे कोई नया पदार्थ नहीं बनता। अभिक्रिया को विपरित करने पर सामान्यतः पदार्थ की मुल अवस्था प्राप्त कि जा सकती है।

पदार्थ के आकार, आमाप (साइज़), रंग और अवस्था जैसे गुण भौतिक गुण कहलाते हैं।

भौतिक परिवर्तन के गुण

भौतिक परिवर्तन के फल स्वरुप नया पदार्थ नहीं बनता है। इस प्रकार के परिवर्तन में पदार्थों की रासायनिक प्रकृति नहीं बदलती है अर्थात मूल पदार्थ के विशिष्ट गुणों में परिवर्तन नहीं होता है।

भौतिक परिवर्तन अस्थाई होता है। प्रक्रिया तभी तक चलती है जब तक प्रक्रिया का कारण उपस्थित रहता है। कारण के हटने पर प्रक्रिया रुक जाती है।

पदार्थ के भौतिक परिवर्तन के बाद पुनः पदार्थ के पहले वाले अवस्था में बदला जा सकता है।

भौतिक परिवर्तन के बाद प्राप्त नए पदार्थ को सरल विधियों की सहायता से अपने प्रारंभिक रूप में बदला जा सकता है।

पदार्थ के भौतिक परिवर्तन के दौरान प्राय: ताप अथवा दाब में परिवर्तन किया जाता है।

रासायनिक परिवर्तन

वह परिवर्तन, जिसमें एक अथवा एक-से अधिक नए पदार्थ बनते हैं, रासायनिक परिवर्तन कहलाता है। जब कोई पदार्थ किसी अन्य पदार्थ से मिलकर एक नया पदार्थ बनता है (संश्लेषण), या जब कोई पदार्थ दो या अधिक पदार्थों में वियोजित (डीकम्पोज) होता है, तो इसे रासायनिक परिवर्तन (Chemical change) कहते हैं। इन 

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प्रक्रमो को रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं जो प्रायः अनुत्क्रमणीय होती हैं। उदाहरण लोहे पर जंग लगना, अगरबत्ती का जलना दही का जमना दूध का लना दूध दूध जलना। रासायनिक परिवर्तनों को समझना, रसायन विज्ञान का प्रमुख कार्य है।

सभी नए पदार्थ रासायनिक परिवर्तनों के परिणामस्वरूप ही बनते हैं।

उदाहरण :- भोजन का पाचन , फलों का पकना , अंगूरों का किण्वन आदि।

जब लोहा पानी तथा ऑक्सीजन के संपर्क में आता है तो जंग लग जाता है। हवा या ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में लोहे में जंग नहीं लगता।

लोहे के चाकू, हथोड़े, पेंचकस या किसी अन्य औज़ार को किसी नमी वाले स्थान में कुछ दिन रख दिया जाये तो इन चीज़ों पर कत्थई (Brown) रंग कि एक परत सी जम जाती है। इसी को जंग कहते हैं। जंग वास्तव में लोहे का ऑक्साइड है। इसका रासायनिक सूत्र Fe2O3.

पेंट करने से लोहे के पदार्थ का ऊपरी भाग छुप जाता है। वह वायु के साथ सीधे संपर्क में नहीं आता जिसके कारण उसमें जंग नहीं लगता। इसलिए पेंट करने से हम लोहे के उस पदार्थ को जंग लगने से बचा सकते हैं।

The Chemical Reaction That Causes Rust

रासायनिक परिवर्तन :- निम्न घटनाएं भी हो सकती हैं।

• रंग में परिवर्तन ।

• किसी गैस का बनना।

• ध्वनि का उत्पन्न होना।

• किसी नए गंध का बनना।

• उष्मा , प्रकाश अथवा किसी अन्य प्रकार के विकिरण।

रासायनिक परिवर्तन के गुण

रसायनिक परिवर्तन के फसल को बने नए पदार्थ के गुण मूल पदार्थ के गुणों से भिन्न होते हैं।

इस प्रकार के परिवर्तन में पदार्थ का मूल गुण परिवर्तित हो जाता है।

रासायनिक परिवर्तन स्थाई होते हैं। प्रक्रिया का कारण हटने के बाद विवाह उत्क्रमित नहीं होता है।

रासायनिक परिवर्तन में उस्मा निकलती है तथा अवशोषित होती है।

इस प्रकार के परिवर्तन के फल स्वरुप तत्व एवं यौगिकों के द्वारा नए पदार्थ बनते हैं उसका गुण प्रारंभिक अवस्था से भिन्न होता है।

रसायनिक परिवर्तन के बाद पदार्थ को उत्पाद कहते हैं।

इस प्रकार के परिवर्तन के दौरान भाग लेने वाले पदार्थ को अभिकारक या प्रतिकारक का कहते हैं। रासायनिक परिवर्तन को रासायनिक अभिक्रिया भी कहा जा सकता है।

रासायनिक अभिक्रिया वास्तविक रूप में जब घटित होती है,तो इन्हें एक सांकेतिक रूप में निरूपित किया जाता है इसे रासायनिक समीकरण कहा जाता है।

NCERT SOLUTIONS

प्रश्न (पृष्ठ संख्या 68-70)

प्रश्न 1 निम्नलिखित प्रक्रमों के अंतर्गत होने वाले परिवर्तनों को भौतिक अथवा रासायनिक

परिवर्तन के रूप में वर्गीकृत कीजिए। 

  1. प्रकाश संश्लेषण
  2. जल में शक्कर को घोलना
  3. कोयले को जलाना
  4. मोम को पिघलाना
  5. ऐलुमिनियम के टुकड़े को पीटकर उसका पतला पत्र (फॉइल) बनाना।
  6. भोजन का पाचन

उत्तर- भौतिक परिवर्तन: 

जल में शक्कर को घोलना, मोम को पिघलाना,  ऐलुमिनियम के टुकड़े को पीटकर उसका पतला पत्र (फॉइल) बनाना।

रासायनिक परिवर्तन:

प्रकाश संश्लेषण, कोयले को जलाना, भोजन का पाचन

प्रश्न 2 बताइए कि निम्नलिखित कथन सत्य हैं अथवा असत्य। यदि कथन असत्य हो तो,

अपनी अभ्यास पुस्तिका में उसे सही करके लिखिए।

  1. लकड़ी के लठ्ठे को टुकड़ों में काटना एक रासायनिक परिवर्तन है। (सत्य/असत्य)
  2. पत्तियों से खाद का बनना एक भौतिक परिवर्तन है। (सत्य/असत्य)
  3. जस्ते (जिंक) लेपित लोहे के पाइपों में आसानी से जंग नहीं लगती है। (सत्य/असत्य)
  4. लोहा और जंग एक ही पदार्थ हैं। (सत्य/असत्य)
  5. भाप का संघनन रासायनिक परिवर्तन नहीं है। (सत्य/असत्य)

उत्तर-

  1. लकड़ी के लठ्ठे को टुकड़ों में काटना एक रासायनिक परिवर्तन है। (असत्य)
  2. पत्तियों से खाद का बनना एक भौतिक परिवर्तन है। (असत्य)
  3. जस्ते (जिंक) लेपित लोहे के पाइपों में आसानी से जंग नहीं लगती है। (सत्य)
  4. लोहा और जंग एक ही पदार्थ हैं। (असत्य)
  5. भाप का संघनन रासायनिक परिवर्तन नहीं है। (सत्य)

प्रश्न 3 निम्नलिखित कथनों में रिक्त स्थानों को भरिए-

  1. जब कार्बन डाइऑक्साइड को चूने के पानी में प्रवाहित किया जाता है, तो यह ————— के बनने के कारण दुधिया हो जाता है।
  2. खाने के सोडे का रासायनिक नाम ————— है।
  3. ऐसी दो विधियाँ, जिनके द्वारा लोहे को जंग लगने से बचाया जा सकता है —————, और ————— हैं।
  4. ऐसे परिवर्तन भौतिक परिवर्तन कहलाते हैं, जिनमें किसी पदार्थ के केवल ————— गुणों में परिवर्तन होता है।
  5. ऐसे परिवर्तन जिनमें नए पदार्थ बनते हैं, ————— परिवर्तन कहलाते हैं।
  6. उत्तर-
  7. जब कार्बन डाइऑक्साइड को चूने के पानी में प्रवाहित किया जाता है, तो यह कैल्शियम कार्बोनेट (CaCO3) के बनने के कारण दुधिया हो जाता है।
  8. खाने के सोडे का रासायनिक नाम सोडियम बाईकार्बोनेट (NaHCO3) है।
  9. ऐसी दो विधियाँ, जिनके द्वारा लोहे को जंग लगने से बचाया जा सकता है ग्रीस लगाना, और जस्तीकरण हैं।
  10. ऐसे परिवर्तन भौतिक परिवर्तन कहलाते हैं, जिनमें किसी पदार्थ के केवल भौतिक गुणों में परिवर्तन होता है।
  11. ऐसे परिवर्तन जिनमें नए पदार्थ बनते हैं, रासायनिक परिवर्तन कहलाते हैं।

प्रश्न 4 जब नींबू के रस में खाने का सोडा मिलाया जाता है, तो बुलबुले बनते हैं और गैस निकलती है। यह किस प्रकार का परिवर्तन है? समझाइए।

उत्तर- यह एक रासायनिक परिवर्तन क्योंकि इसमें एक नया उत्पाद बनता है | 

खाने का सोडा (बेकिंग सोडा) + निम्बू का रस → लवण + कार्बन डाइऑक्साइड + जल 

निम्बू एक अम्ल है जो खाने के सोडे जो एक क्षारक है से अभिक्रिया करके लवण कार्बन डाइऑक्साइड और जल देता है | यह एक उदासीनीकरण अभिक्रिया है | 

प्रश्न 5 जब कोई मोमबत्ती जलती है, तो भौतिक और रासायनिक परिवर्तन दोनों होते हैं। इन परिवर्तनों की पहचान कीजिए। ऐसे ही किसी ज्ञात प्रक्रम का एक और उदाहरण दीजिए, जिसमें भौतिक और रासायनिक परिवर्तन दोनों होते हैं।

उत्तर-

भौतिक परिवर्तन: गर्म होने पर, मोमबत्ती का मोम पिघल जाता है, यह एक भौतिक परिवर्तन है। चूंकि यह फिर से ठंडा होने पर ठोस मोम में बदल जाता है।

रासायनिक परिवर्तन: लौ के पास का मोम जलता है और कार्बन जैसे नए पदार्थ देता है

डाइऑक्साइड, कार्बन कालिख, जल वाष्प, गर्मी और प्रकाश।

भोजन पकाना, एक और उदाहरण है जहाँ शारीरिक और रासायनिक दोनों परिवर्तन होते हैं।

प्रश्न 6 आप यह कैसे दिखाएँगे कि दही का जमना एक रासायनिक परिवर्तन है।

उत्तर- दही का जमना एक रासायनिक परिवर्तन है क्योंकि एक नया पदार्थ (लैक्टिक एसिड) बनता है मूल पदार्थ (वसा और प्रोटीन) यानी दूध से स्वाद में भिन्नता है। साथ ही बदलाव भी है अपरिवर्तनीय (दही को दूध में परिवर्तित नहीं किया जा सकता)।

प्रश्न 7 समझाइए कि लकड़ी के जलने और उसे छोटे टुकड़ों में काटने को दो भिन्न प्रकार के परिवर्तन क्यों माना जाता है।

उत्तर- लकड़ी को जलाना एक रासायनिक परिवर्तन है क्योंकि जलने पर लकड़ी एक नए पदार्थ में परिवर्तित हो जाती है | इस अभिक्रिया में राख (कार्बन), कार्बन डाइऑक्साइड गैस, जल वाष्प, गर्मी और प्रकाश जैसे पदार्थ प्राप्त होते है।

यह परिवर्तन अपरिवर्तनीय होता है।

जबकि छोटे टुकड़ों में लकड़ी काटना एक भौतिक परिवर्तन है क्योंकि मूल लकड़ी की संरचना नहीं बदलती है। कोई नया पदार्थ नहीं बनता है।

प्रश्न 8 कॉपर सल्फेट के क्रिस्टल कैसे बनाते हैं, इसका वर्णन कीजिए।

उत्तर- कॉपर सल्फेट के क्रिस्टल निम्नानुसार तैयार किए जाते हैं:

  • एक बीकर में पानी ले लो और तनु सल्फ्यूरिक एसिड की कुछ बूँदें जोड़ें।
  • पानी को गर्म करें। जब यह उबलने लगे तो इसमें कॉपर सल्फेट पाउडर धीरे-धीरे मिलाएं और लगातार हिलाते रहे।
  • संतृप्ति स्तर तक कॉपर सल्फेट पाउडर डालना जारी रखें।
  • घोल को छान लें और ठंडा होने के लिए छोड़ दें।
  • ठंडा होने पर घोल को उतार कर छोड़ दें।
  • हम कुछ घंटों के बाद कॉपर सल्फेट के क्रिस्टल का निरीक्षण कर सकते हैं।

प्रश्न 9 समझाइए कि लोहे के गेट को पेन्ट करने से उसका जंग लगने से बचाव किस कारण से होता है।

उत्तर- जंग लगने के लिए, ऑक्सीजन और पानी (या जल वाष्प) दोनों की उपस्थिति की आवश्यकता होती है। पेंट का कोट हवा और ऑक्सीजन के साथ लोहे के सीधे संपर्क को रोकता है और इस तरह जंग लगने से रोकता है।

प्रश्न 10 समझाइए कि रेगिस्तानी क्षेत्रों की अपेक्षा समुद्रतटीय क्षेत्रों में लोहे की वस्तुओं में जंग अधिक क्यों लगती है।

उत्तर- जंग लगने के लिए, ऑक्सीजन और नमी (जल वाष्प) दोनों की उपस्थिति की आवश्यकता होती है। तटीय क्षेत्रों में रेगिस्तानी क्षेत्रों की तुलना में हवा में नमी की मात्रा अधिक (अत्यधिक नम) होती है रेगिस्तानी क्षेत्रों (कम आर्द्र), इसलिए तटीय क्षेत्रों में जंग लगने की प्रक्रिया तेज़ हो जाता है।

प्रश्न 11 हम रसोई में जिस गैस का उपयोग करते हैं, वह द्रवित पेट्रोलियम गैस (एल.पी.जी. या LPG) कहलाती है। सिलिंडर में LPG द्रव के रूप में होती है। सिलिंडर से बाहर आते ही यह गैस में परिवर्तित हो जाती है (परिवर्तन A) फिर यही गैस जलती है (परिवर्तन B) निम्नलिखित कथन इन परिवर्तनों से संबंधित हैं। सही कथन का

चयन कीजिए।

  1. प्रक्रम-A एक रासायनिक परिवर्तन है।
  2. प्रक्रम-B एक रासायनिक परिवर्तन है।
  3. प्रक्रम-A और प्रक्रम-B दोनों ही रासायनिक परिवर्तन हैं।
  4. इनमें से कोई भी प्रक्रम रासायनिक परिवर्तन नहीं है।

उत्तर- b प्रक्रम-B एक रासायनिक परिवर्तन है।

प्रश्न 12 अवायवीय जीवाणु पशु अपशिष्ट को पचाते हैं और बायोगैस (परिवर्तन – A) का उत्पादन करते हैं। बायोगैस फिर ईंधन के रूप में जलता है (परिवर्तन – B)। निम्नलिखित कथन इन परिवर्तनों से संबंधित हैं। सही चुनिए।

  1. प्रक्रिया – A रासायनिक परिवर्तन है।
  2. प्रक्रिया – B एक रासायनिक परिवर्तन है।
  3. A और B दोनों प्रक्रियाएँ रासायनिक परिवर्तन हैं।
  4. इनमें से कोई भी प्रक्रिया रासायनिक परिवर्तन नहीं है।

उत्तर- iii A और B दोनों प्रक्रियाएँ रासायनिक परिवर्तन हैं।