अध्याय-13: ठोस आकारों का चित्रण

ठोस आकारों का चित्रण

त्रिविमीय आकार

समतल आकारों के लंबाई और चौड़ाई जैसे दो मापन होते हैं और इसीलिए इन्हें द्विविमीय आकार कहते हैं, जबकि ठोस आकारों के लंबाई, चौड़ाई और ऊँचाई या गहराई जैसे तीन मापन होते हैं। इसीलिए, इन आकारों को त्रिविमीय आकार कहते हैं।

उदाहरण: घन, गोला, बेलन, शंकु इत्यादि।

घन

ज्यामिति में घन (cube, क्यूब) एक त्रिआयामी (थ्री-डाइमेन्शनल) वस्तु होती है जिसके छह बराबर आकार के फलक (फेस) होते हैं और हर फलक एक वर्ग होता है। घन एक ठोस वस्तु है इसलिए यह एक पाश्वीय (hedron) भी है और छह फलक होने के कारण यह एक प्रकार का षट्फलकी (hexahedron) भी है।

घन और घनाभ की परिभाषा तथा उस पर आधारित महत्वपूर्ण सूत्र

गोला

गोला (sphere) वह ठोस है जिसमें केवल एक तल होता है और इसके तल का प्रत्येक बिन्दु एक निश्चित बिन्दु से समान दूरी पर होता है। इस बिन्दु को गोले का केन्द्र कहते हैं तथा केन्द्र से गोले के किसी बिन्दु की दूरी को गोले की त्रिज्या कहते हैं। उदाहरण के लिए, गेंद का आकार गोल होता है।

बेलन

वह ठोस तीन आयाम वाली आकृति जिसकी दो सिरे, दो समान त्रिज्या वाले वृत्ताकार सतह एवं एक वक्र आयत सतह से मिलकर बना हो और जिसकी वक्र पृष्ठ Curved हो, उस ठोस आकृति को “बेलन” कहते हैं।

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शंकु

शंकु (cone), एक त्रि-आयामी(त्रिविमीय) संरचना है, जो शीर्ष बिन्दु और एक आधार (आवश्यक नहीं कि यह आधार वृत्त ही हो) को मिलाने वाली रेखाओं द्वारा निर्मित होती है। यदि किसी शंकु का आधार एक वृत्त हो तो वह लम्ब वृत्तीय शंकु कहलाता है। यह समान आधार और ऊंचाई के बेलन के 13 भाग के बराबर होता है।

फलक, किनारे और शीर्ष

ठोस आकार के कोने उसके शीर्ष, उसके ढाँचे के रेखाखंड उसके किनारे (या कोर) तथा उसके सपाट पृष्ठ उसके फलक कहलाते हैं।

उदाहरण के लिए घन के 8 कोने उसके शीर्ष हैं। घन के ढाँचे को बनाने वाले 12 रेखाखंड उसके किनारे या कोर कहलाते हैं। 6 सपाट वर्गाकार पृष्ठ, जो घन की खाल या त्वचा हैं, उसके फलक कहलाते हैं।

3D वस्तुओं के विभिन्न स्थानों से विभिन्न दृश्य दिखायी देते हैं। वह ठोस एक बहुफलक या बहुफलकी ( या बहुष्फलक ) कहलाता है, यदि वह केवल बहुभुजीय फलकों से मिलकर ही बना हो। ये फलक किनारों में मिलते हैं, जो रेखाखंड होते हैं तथा किनारे बिंदुओं पर मिलते हैं, जो शीर्ष कहलाते हैं।

ठोस आकारों सम्बंधी मुख्य अवधारणाएं और परिणाम

1. वृत्त, वर्ग, आयत, चतुर्भज और त्रिभुज समतल आकृतियों के उदाहरण हैं, तथा घन, घनाभ, गोला, बेलन, शंकु और पिरामिड ठोस आकारों के उदाहरण हैं।

वृत्त

किसी एक निश्चित बिंदु से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं का बिन्दुपथ वृत्त कहलाता है। यह निश्चित बिंदु, वृत्त का केंद्र कहलाता है, केंद्र और वृत्त की परिधि के किसी भी बिन्दु के बीच की दूरी वृत्त की त्रिज्या कहलाती है। वृत्त एक साधारण बंद वक्र होता है जो समतल को दो क्षेत्रों में विभाजित करता है: एक आंतरिक और एक बाहरी।

वर्ग

वर्ग एक समान्तर चतुर्भुज होता है तथा एक चक्रीय चतुर्भुज भी होता है। किसी वर्ग की भुजा की लम्बाई जब क्षेत्रफल दिया हो। वर्ग की भुजा की माप = √क्षेत्रफल एक वर्ग को समचतुर्भुज भी कहते हैं क्यूंकि इसकी सभी भुजावों की लम्बाई बराबर होती है।

वर्ग के सूत्र

  • वर्ग का क्षेत्रफल = (एक भुजा)² = a²
  • वर्ग का क्षेत्रफल = 12 × (विकर्णो का गुणनफल) = 12 × AC × BD
  • वर्ग की परिमिति = 4 × a
  • वर्ग का विकर्ण = एक भुजा × √2 = a × √2
  • वर्ग का विकर्ण = √2 × वर्ग का क्षेत्रफल

आयत

ऐसा चतुर्भुज जिसके चारों अन्तःकोण समकोण (= 90° के) हों उसे आयत (Rectangle) कहते हैं। आयत एक ऐसा चतुर्भुज है जिसकी आमने सामने की भुजाएं समांतर होती है, “आयत” कहलाता है।

चतुर्भुज

चार भुजाओं से घिरे समतल क्षेत्र को चतुर्भुज कहते हैं। चतुर्भुज में चार भुजाएं तथा चार कोण होते हैं।

चतुर्भुज के चारों कोणों का योगफल 360° होता हैं।

दिए हुए चतुर्भुज में दो विकर्ण खीचें गए हैं पहले विकर्ण को AC तथा दूसरे विकर्ण को BD नाम से प्रदर्शित करते हैं।

चतुर्भुज की ऐसी दो भुजाएँ जिसका कोई उभयनिष्ठ बिंदु न हो सम्मुख भुजाएँ कहलाती हैं।

AB, CD के सम्मुख भुजाएँ हैं एवं AD, BC के सम्मुख भुजाएँ हैं।

चतुर्भुज के सूत्र

चतुर्भुज का क्षेत्रफल = 12 विकर्णों का गुणनफल

चतुर्भुज के क्षेत्रफल = 12d(h1+h2)

त्रिभुज

तीन भुजाओं से बनी एक बन्द आकृति को त्रिभुज कहते हैं। त्रिभुज में 3 भुजाएँ, 3 कोण और 3 ही शीर्ष होते हैं। त्रिभुज सबसे कम भुजाओं से बनने वाली एक बन्द आकृति (बहुभुज) है। त्रिभुज के तीनों आन्तरिक कोणों का योग 180° होता है।

त्रिभुज के प्रकार (types of triangles in hindi)

त्रिभुज के 6 प्रकार (भेद) होते हैं :

1. समबाहु त्रिभुज (Equilateral triangle)

समबाहु त्रिभुज एक ऐसा त्रिभुज होता है जिसकी तीनों भुजाएं सामान माप की होती है एवं तीनों कोण बराबर 60 डिग्री के होते है। एक समबाहु त्रिभुज को एक विशेष प्रकार का समद्विबाहु त्रिभुज भी कहा जा सकता है क्योंकि इसकी दो ही नहीं तीनों भुजाएं सामान होती हैं।

एक समबाहु त्रिभुज कि सारी भुजाएं सामान होती हैं।

एक समबाहु त्रिभुज के सारे कोण भी समान माप के होते हैं।

इस त्रिभुज के हर कोण का माप 60 डिग्री होता है। जैसा कि हम जानते है की एक त्रिभुज के तीनों कोणों का योग 180 होता है एवं समबाहु त्रिभुज में तीनों कोण समान होते हैं। अतः हर एक कोण 60 डिग्री का होगा।

2. समद्विबाहु त्रिभुज (Isosceles triangle)

Chart, line chart

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ऐसा त्रिभुज जिसकी दो भुजाएं एवं दो कोण बराबर होते हैं वह त्रिभुज समद्विबाहु त्रिभुज कहलाता है। जैसा की हम समझ सकते हैं की इस त्रिभुज में दो भुजाएं समान होती हैं जिससे ये अपने सामने वाले कोणों का माप भी समान कर देती हैं।

एक समद्विबाहु त्रिभुज कि सामान भुजाओं के सामने वाले कोणों का माप भी समान होता है।

अगर हम शीर्ष से आधार पर एक लांब बनायेंगे तो वह आधार को दो बराबर भागों में विभाजित कर देगा।

आधार पर बनाया गया लम्ब शीर्ष पर बने कोण को द्विभाजित कर देता है।

3. विषम बाहू त्रिभुज (Scalene triangle)

Shape, polygon

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ऐसा त्रिभुज जिसकी सारी भुजाएं असमान होती हैं वह त्रिभुज विषमबाहू त्रिभुज कहलाता है। इस त्रिभुज के अन्दर के तीनों कोण अलग माप के होते हैं अर्थात कोई भी कोण समान नहीं होता है।

4. न्यूनकोण त्रिभुज (Acute triangle)

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ऐसा त्रिभुज जिसके प्रत्येक कोण न्यूनकोण अर्थात 0 से 90 डिग्री के बीच में होता है। ऐसा त्रिभुज न्यूनकोण त्रिभुज कहलाता है।

5. समकोण त्रिभुज (Right angle triangle)

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जैसा कि इस त्रिभुज के नाम से ही प्रतीत हो रहा है की इस त्रिभुज का एक कोण समकोण होता है एवं बचे हुए दो कोण न्यूनकोण होते हैं। जैसा कि हम जान्गते हैं समकोण का अर्थ 90 अंश का कोण होता है। ऐसा त्रिभुज समकोण त्रिभुज कहलाता है।

6. अधिककोण त्रिभुज (Obtuse triangle)

ऐसा त्रिभुज जिसका एक कोण अधिक कोण होता है अर्थात एक कोण का मान 90 अंश से ज्यादा होता है इस प्रकार का त्रिभुज अधिक कोण त्रिभुज कहलाता है।

2. समतल आकृतियों की दो विमाएँ होती हैं तथा ठोस आकारों की तीन विमाएँ होती हैं।

3. ठोस आकार के कोने उसके शीर्ष, उसके ढाँचें के रेखाखंड उसके किनारे तथा उसके सपाट पृष्ठ उसके फलक कहलाते हैं।

4. ठोस का एक जाल दो विमाओं में एक ऐसा ढाँचा (या रूप रेखा) है, जिसे मोड़कर वह ठोस प्राप्त हो जाता है। एक ही ठोस के अनेक प्रकार के जाल हो सकते हैं।

5. वास्तविक रूप से, ठोस आकारों को सपाट पृष्ठों पर खींचा जा सकता है। हम इसे 3-D ठोस का 2-D निरूपण कहते हैं।

6. एक ठोस के दो प्रकार के चित्र बनाना संभव है:

(a) एक तिर्यक चित्र, जिसमें लंबाइयाँ समानुपाती नहीं होती हैं । फिर भी यह ठोस के रुप के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर देता है।

(b) एक समदूरीक चित्र को एक समदूरीक बिंदुकित कागज़ पर खींचा जाता है, जिसका एक प्रतिदर्श इस पुस्तक के अंत में दिया गया है। किसी ठोस के एक समदूरीक चित्र में लंबाइयों को समानुपाती रखा जाता है।

7. ठोस आकारों का चित्रण एक बहुत ही उपयोगी कौशल है। आपको ठोस आकार के छिपे हुए भाग दिखाई दे जाने चाहिए।

8. एक ठोस के विभिन्न भागों को अनेक विधियों से देखा जा सकता है।

(a) एक विधि यह है कि दिए हुए आकार को काट लिया जाए। इससे हमें ठोस का एक अनुप्रस्थ-काट प्राप्त हो जाती है।

(b) एक अन्य विधि यह है कि एक 3-D आकार की एक 2-D छाया देखी जाए।

(c) तीसरी विधि यह है कि ठोस आकार को विभिन्न कोणों से देखा जाए। देखे गए आकार का सामने का दृश्य, पार्श्व दृश्य और ऊपर का दृश्य हमें उस आकार के बारे में बहुत अधिक जानकारी प्रदान कर सकते हैं।

NCERT SOLUTIONS

प्रश्नावली 15.1 (पृष्ठ संख्या 297-298)

प्रश्न 1. उन जालों को पहचानिए, जिनका प्रयोग करके आप घनों को बना सकते हैं (इन जालों के प्रतिरूप काट कर ऐसा करने का प्रयास कीजिए):

उत्तर- (ii), (iii), (iv) और (vi) जालों के प्रयोग से घन बना सकते हैं।

प्रश्न 2. पासे (dice) ऐसे घन होते हैं, जिनके प्रत्येक फलक पर बिन्दु (dots) अंकित होते हैं। एक पासे के सम्मुख फलकों पर अंकित बिन्दुओं की संख्याओं का योग सदैव 7 होता है। यहाँ, पासे (घनों को बनाने के लिए, दो जाल दिए जा रहे हैं। प्रत्येक वर्ग में लिखी संख्या उस बक्से के बिन्दुओं को दर्शाती है।

Chart

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यह याद रखते हुए कि पासे के सम्मुख फलकों की संख्याओं का योग सदैव 7 होता है, रिक्त स्थानों पर उपयुक्त संख्याएँ लिखिए।

उत्तर- रिक्त स्थानों में भरी संख्याएँ नीचे दिखाई गई है।

प्रश्न 3. क्या यह पासे के लिए एक जाल हो सकता | है? अपने उत्तर को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- नहीं, क्योंकि पासे के सम्मुख फलकों का योग 7 होता है। यहाँ एक युग्म पर 1 और 4 हैं और इनका | योग 5 है (# 7) और दूसरे युग्म के फलकों पर 3 और 6 हैं और इनका योग 9 है ( 7)

प्रश्न 4. यहाँ एक घन बनाने के लिए, एक अधूरा जाल दिया गया है। इसको कम-से-कम दो विभिन्न विधियों से पूरा कीजिए। याद रखिए कि घन के 6 फलक होते हैं। यहाँ इस जाल में कितने फलक दिए हुए हैं? (दो पृथक्-पृथक् चित्र दीजिए। कार्य को सरल बनाने के लिए, आप वर्गांकित कागज का प्रयोग कर सकते हैं।)

उत्तर- जाल में तीन फलक दिखाए गए हैं। नीचे दिए जाल से घन बना सकते हैं:

प्रश्न 5. जालों को उपयुक्त ठोसों से मिलान कीजिए:

उत्तर-

(a) – (ii),

(b) – (iii),

(c) – (iv),

(d) – (i)

प्रश्नावली 15.2 (पृष्ठ संख्या 301-302)

प्रश्न 1. एक समदूरीक बिन्दुकित कागज का प्रयोग करते हुए, निम्नलिखित आकृतियों में से प्रत्येक का एक समदूरीक चित्र खींचिए:

उत्तर- प्रत्येक आकार की एक समदूरीक आकृति निम्न है:

प्रश्न 2. किसी घनाभ की विमाएँ 5 cm, 3 cm और 2 cm हैं। इस घनाभ के तीन भिन्न-भिन्न समदूरीक चित्र खींचिए।

उत्तर- एक घनाभ जिसकी विमाएँ 5 cm, 3 cm और 2 cm हैं, उस घनाभ के निम्न तीन समदूरीक चित्र हैं:

RBSE Solutions for Class 7 Maths Chapter 15 ठोस आकारों का चित्रण Ex 15.2 9

प्रश्न 3. 2 cm किनारों वाले तीन घनों को परस्पर सटा कर रखते हुए एक घनाभ बनाया गया है। इस घनाभ का एक तिर्यक अथवा एक समदूरीक चित्र खींचिए।

उत्तर- 2 cm किनारों वाले तीन घनों को परस्पर सटा कर बनाया गया घनाभ:

RBSE Solutions for Class 7 Maths Chapter 15 ठोस आकारों का चित्रण Ex 15.2 10

प्रश्न 4. निम्नलिखित समदूरीक आकारों में से प्रत्येक के लिए, एक तिर्यक चित्र खींचिए:

उत्तर-

प्रश्न 5. निम्नलिखित में से प्रत्येक के लिए, 

  1. एक तिर्यक चित्र और 
  2. एक समदूरीक चित्र खींचिए:
  1. 5 cm, 3 cm और 2 cm विमाओं वाला एक घनाभ (क्या आपका चित्र अद्वितीय है?)
  2. 4 cm लम्बे किनारे वाला एक घन।

उत्तर-

  1. 5 cm, 3 cm और 2 cm विमाओं वाले घनाभ का तिर्यक चित्र ।
RBSE Solutions for Class 7 Maths Chapter 15 ठोस आकारों का चित्रण Ex 15.2 13

यह चित्र अद्वितीय नहीं है।

  1. उपर्युक्त घनाभ का समदूरीक चित्र ।
  1. 4 cm लम्बे किनारे वाले घन का तिर्यक चित्र ।
RBSE Solutions for Class 7 Maths Chapter 15 ठोस आकारों का चित्रण Ex 15.2 15
  1. उपर्युक्त घन का समदूरीक चित्र।
RBSE Solutions for Class 7 Maths Chapter 15 ठोस आकारों का चित्रण Ex 15.2 16

प्रश्नावली 15.3 (पृष्ठ संख्या 304)

प्रश्न 1. आपको कौनसी अनुप्रस्थ काट प्राप्त होती है, जब आप निम्नलिखित ठोसों को

  1. ऊर्ध्वाधर रूप से और 
  2. क्षैतिज रूप से काटते हैं? 
  1. एक ईंट 
  2. एक गोल सेब 
  3. एक पासा 
  4. एक बेलनाकार पाइप
  5. एक आइसक्रीम शंकु।

उत्तर-

प्रश्नावली 15.4 (पृष्ठ संख्या 305-306)

प्रश्न 1. निम्नलिखित ठोसों के ठीक ऊपर एक जलता हुआ बल्ब रखा गया है। प्रत्येक स्थिति में प्राप्त छाया के आकार का नाम बताइए। इस छाया का एक रफ चित्र बनाने का प्रयास कीजिए।( पहले आप प्रयोग करने का प्रयास करें और फिर उत्तर दें।)

उत्तर- जब बल्ब ठोसों के ऊपर जलता हुआ रखा है :

गेंद: इसकी छाया वृत्त की तरह प्रतीत होगी।

बेलनाकार पाइप: इसकी छाया आयत की तरह की होगी।

पुस्तक: इसकी छाया वर्ग की तरह की होगी।

प्रश्न 2. यहाँ कुछ 3-D वस्तुओं की छायाएँ दी गई हैं जो उन्हें एक ओवरहैड प्रोजेक्टर के लैंप (बल्ब) के अन्तर्गत या नीचे रख कर प्राप्त की गई हैं। प्रत्येक छाया से मिलान वाले ठोस की पहचान कीजिए। (इनमें एक से अधिक उत्तर हो सकते हैं।)

Shape

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उत्तर- ठोसों का मिलान नीचे दिया गया है : 

  1. एक गेंद, एक प्लेट आदि।
  2. एक घन, एक पुस्तक आदि।
  3. एक शंकु, एक जोकर की टोपी आदि।
  4. एक बेलनाकार पाइप, एक घनाभ आदि।

प्रश्न 3. जाँच कीजिए कि क्या ये कथन सत्य हैं:

  1. एक घन एक आयत के आकार की छाया दे सकता है।
  2. एक घन एक षड्भुज के आकार की छाया दे सकता है।

उत्तर-

  1. सत्य,
  2. असत्य।