विज्ञान

अध्याय-9: गति एवं समय

Diagram

Description automatically generated

गति

समय के साथ किसी वस्तु की स्थिति में परिवर्तन को गति कहते हैं। प्रथ्‍वी का सूर्य के चारो ओर परिक्रमा करने की गति वर्तुल गति , आवर्ती गति , घूर्णन गति तीन प्रकार की गतियाँ है। संसार की प्रत्येक वस्तु प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गतिमान है। हमारा चलना, दौड़ना, साईकिल चलाना आदि पृथ्वी का अपना धुरी पर घूर्णन करना तथा वर्ष में एक बार सूर्य की परिक्रमा पूरी करना। सूर्य भी अपने ग्रहो सहित विचरण करता हैं।जब कोई वस्तु अन्य वस्तुओं की तुलना में समय के सापेक्ष में स्थान परिवर्तन करती है, तो वस्तु की इस अवस्था को गति (motion) कहा जाता है। साधारण शब्दों (Simple Words) में गति का अर्थ – वस्तु की स्थिति में परिवर्तन गति (Motion) कहा जाता है।

Perpetual Motion: the concept that keeps on giving and giving…and giving… -  Spruson & Ferguson

गति के प्रकार

  • रेखीय गति (Linear Motion)
  • एकसमान गति (Uniform Motion)
  • असमान गति (Non-uniform Motion)
  • प्रक्षेप्य गति (Projectic Motion)
  • वृत्तीय गति (Circular Motion)
  • एक समान वृत्तीय गति (Uniform Circular Motion)
  • शुद्ध स्थानान्तरीय गति (Translatory Motion)
  • घूर्णन गति (Rotational Motion)
  • लोटनी गति (Rolling Motion)
  • दोलनीय गति (Oscillatory Motion)

इन सभी के बारे में विस्तृत में वर्णन निम्न प्रकार से है।

रेखीय गति

रेखीय गति सभी गति (gati) में सबसे बुनियादी है। रेखीय गति में, सिस्टम का वर्णन करने वाले सभी वैक्टर की दिशाएं समान और स्थिर होती हैं, जिसका अर्थ है कि वस्तुएं एक ही अक्ष पर चलती हैं और दिशा नहीं बदलती है।

उदाहरण:- पेड़ से गिरता फल, चलती हुई कार, चलती हुई ट्रेन, रस्सी पर चलती चींटी आदि।

Four Types of Motion Control – Morai Motion

एक समान गति

यदि कोई वस्तु एकसमान गति से यात्रा कर रही है, तो वह एक सीधी रेखा में स्थिर गति से गति कर रही है। उदाहरण के लिए, जब कोई कार स्थिर गति से यात्रा करती है, तो इंजन से चलने वाला बल कार के गतिमान भागों में वायु प्रतिरोध और घर्षण बल जैसे प्रतिरोधक बलों द्वारा संतुलित होता है।

उदाहरण:- यदि कोई वस्तु पहले घंटे में 10 किमी, दूसरे घंटे में 10 किमी तथा तीसरे घंटे में 10 किमी चले, तो उसकी गति एकसमान गति (gati) होगी।

UNIFORM MOTION & NON UNIFORM MOTION - YouTube

असमान गति

जिस प्रकार की गति में वस्तु विभिन्न गति से यात्रा करती है, उसे असमान गति कहते हैं। इसका अर्थ यह है कि वस्तु समान समय अंतराल में समान दूरी तय नहीं करती है। उदाहरण के लिए, एक वाहन की गति, एक लोलक का दोलन। असमान गति को त्वरित गति भी कहा जाता है।

उदाहरण:- यदि कोई वस्तु पहले घंटे में 10 किमी, दूसरे घंटे में 15 किमी तथा तीसरे घंटे में 8 किमी चले, तो उसकी गति (gati) असमान गति होगी।

Example of non-uniform motion

प्रक्षेप्य गति

प्रक्षेप्य गति हवा में फेंकी या प्रक्षेपित किसी वस्तु की गति है, जो केवल गुरुत्वाकर्षण के त्वरण के अधीन है। इस खंड में, हम दो-आयामी प्रक्षेप्य गति पर विचार करते हैं, जैसे कि एक फुटबॉल या अन्य वस्तु जिसके लिए वायु प्रतिरोध नगण्य है।

उदाहरण:- धनुष से छोड़ा गया तीर आदि।

Learn Basics of projectile motion in 3 minutes.

वृत्तीय गति

भौतिकी में, वृत्ताकार गति एक वृत्त की परिधि के साथ किसी वस्तु की गति या एक वृत्ताकार पथ के साथ घूमती है। चूंकि वस्तु का वेग वेक्टर लगातार दिशा बदल रहा है, गतिमान वस्तु घूर्णन के केंद्र की दिशा में एक अभिकेन्द्रीय बल द्वारा त्वरण से गुजर रही है।

उदाहरण:- पृथ्वी की गति, लट्टू की गति आदि।

एकसमान वृत्तीय गति

जब कोई वस्तु एक निश्चित बिन्दु को केन्द्र मानकर उसके चारो ओर वृत्तीय पथ पर एक समान चाल से गति करती है तब उसकी गति एकसमान वृत्तीय गति (Uniform Circular Motion) कहलाती है। दूसरे शब्दों में जब कोई गतिमान वस्तु वृत्तीय मार्ग पर समान समय में समान दूरी तय करती है, तो वस्तु की ऐसी गति को एकसमान वृत्तीय गति (gati) कहते

उदाहरण:- सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की गति।

Uniform Circular Motion | Brilliant Math & Science Wiki

शुद्ध स्थानान्तरीय गति

जब कोई पिण्ड इस प्रकार की गति करता है कि उसका प्रत्येक कण निश्चित समय में समान दुरी तथा समान दिशा विस्थापित होता है, तब पिण्ड की गति शुद्ध स्थानान्तरीय गति (Translatory Motion) कहलाती है।

A group of ants on a flower

Description automatically generated with low confidence

घूर्णन गति

घूर्णी गति को एक निश्चित कक्षा में एक वृत्ताकार पथ के चारों ओर किसी वस्तु की गति के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। घूर्णी गति के लिए गतिकी पूरी तरह से रेखीय संबंधी गतिकी के अनुरूप है। घूर्णी गति में, केवल कठोर पिंडों पर विचार किया जाता है। एक कठोर शरीर एक द्रव्यमान वाली वस्तु है जो एक कठोर आकार रखती है।

उदाहरण:- छत पंखे की गति आदि।

लोटनी गति

रोलिंग एक प्रकार की गति है जो एक सतह के संबंध में उस वस्तु के रोटेशन और अनुवाद को जोड़ती है, जैसे कि, यदि आदर्श स्थितियां मौजूद हों, तो दोनों बिना खिसके एक दूसरे के संपर्क में हों। रोलिंग जहां कोई स्लाइडिंग नहीं है, उसे शुद्ध रोलिंग कहा जाता है।दूसरे शब्दों में – जब कोई वस्तु घूर्णन व स्थानांतरण दोनों प्रकार की गति करती है, तो उसे लोटनी गति (Rolling Motion) कहते हैं।

FAQ: Everything you need to know about Olympic cycling - Team Canada -  Official Olympic Team Website

दोलनीय गति

यदि कोई वस्तु किसी निश्चित बिंदु से ऊपर-नीचे या दाएं-बाएं चलती है, तो ऐसी गति को दोलनीय गति (Oscillatory Motion) कहते हैं।

उदाहरण:- झूले की गति, सरल लोलक की गति आदि।

Learn Mean and Extreme Position of Simple Pendulum in 2 minutes.

चाल

किसी वस्तु द्वारा एकांक समय में तय की गई दूरी को उसकी चाल कहते हैं। चाल से हमें पता चलता है कि कौन तेज चल रहा है। जब कोई व्यक्ति या वस्तु अपने स्थान को परिवर्तित करता है तथा अपने पूर्व स्थान से आगे बढ़ता है। इस प्रकार की क्रिया को ही हम चाल कहते है।

किसी भी व्यक्ति या वस्तु द्वारा एकांक समय में सरल रेखीय पथ पर तय की गई दूरी को वस्तु या व्यक्ति का चाल कहा जाता है। यहां पर सरल रेखीय पथ से मेरा मतलब सीधे रास्ते से है। चाल को हम v से प्रदर्शित करते हैं। चाल एक अदिश राशि है। चाल का S.I. मात्रक मीटर/प्रति सेकंड होता है

2,000+ Free Distance & Corona Images

    

चाल = कुल तय की गई दूरीकुल लिया गया समय

चाल के प्रकार:-

  • एकसमान चाल 
  • असमान चाल 
  • औसत चाल 
  • तात्कालिक चाल

एकसमान चाल

यदि कोई गतिमान वस्तु एक समान समयान्तराल में समान दूरी तय करती है तो वस्तु की चाल एकसमान चाल कहलाती है।

असमान अथवा परिवर्ती चाल

यदि कोई गतिमान वस्तु एक समान समय अंतराल में भिन्न-भिन्न दूरी तय करती है तो वस्तु की चाल असमान चाल कहलाती है।

औसत चाल

किसी गतिमान वस्तु द्वारा किसी एकांक समय में तय की गई औसत दूरी को वस्तु की औसत चाल कहते हैं।

अर्थात वस्तु द्वारा तय की गई कुल दूरी तथा कुल दूरी तय करने में लगा समय के अनुपात को वस्तु की औसत चाल कहते हैं।

तात्कालिक चाल

किसी निश्चित क्षण पर अंत्यन्त सूक्ष्म समयान्तराल में वस्तु द्वारा चली गई दूरी को तथा सूक्ष्म समयान्तराल के अनुपात को वस्तु का तात्कालिक चाल कहते हैं।

समय की माप

बहुत ही घटनाएँ , निश्चित अंतरालों के पश्चात स्वयं दोहराती हैं। समय (time) एक भौतिक राशि है। जब समय बीतता है, तब घटनाएँ घटित होती हैं तथा चलबिंदु स्थानांतरित होते हैं। इसलिए दो लगातार घटनाओं के होने अथवा किसी गतिशील बिंदु के एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक जाने के अंतराल (प्रतीक्षानुभूति) को समय कहते हैं। समय नापने के यंत्र को घड़ी अथवा घटीयंत्र कहते हैं। समय एक आकस्मिक अवधारणा है। वह हमारे जीवन मे सतत परिवर्तित होने वाली वास्तविक घटना है। समय को समझने के लिये हमे इस सतत परिवर्तन को निर्मित करने वाली प्रक्रिया को समझना होगा जिससे समय के प्रवाह का भ्रम उत्पन्न होता है।

सूर्योदय – एक दिन

अमावस्या – एक महीना

पृथ्वी की परिक्रमा – एक वर्ष

घड़ियों में आवर्ती गति का उपयोग किया जाता है।

समय के प्रकारों तीनों रूपों व्यक्त है

गति के आधार पर : जब हम समय और गति के संबंध पर चर्चा करते हैं। तब हम “पहले और बाद” शब्द का प्रयोग करते हैं। समय और गति का संबंध सभी प्रकार की गतियों से है। उदाहरण के लिए “पहले यह स्थिति थी और बाद में यह स्थिति होगी।” फलस्वरूप समय और गति के इसी सम्बन्ध (अवस्था परिवर्तन) के कारण हम यह प्रश्न पूँछ पाते हैं कि महाविस्फोट से पहले क्या था ? गति के द्वारा समय की यह पहचान समय के आयाम द्वारा निर्धारित होती है।

बल के आधार पर : जब हम समय और बल के संबंध पर चर्चा करते हैं। तब हम “जल्दी (शीघ्र) और देरी (विलम्ब)” शब्द का प्रयोग करते हैं। क्योंकि जड़त्व के नियमानुसार बाह्य बल अवस्था (गत्यावस्था और विरामवस्था) परिवर्तन के लिए जिम्मेदार होता है। फलस्वरूप बाह्य बल की अनुपस्थिति में उचित स्थान पर उचित समय में पहुंचा जा सकता हैं। यदि आप सही दिशा, दूरी और गति निर्धारित कर सकते हैं तो न ही आप उचित स्थान पर जल्दी पहुंचेंगे। और न ही देरी से पहुंचेंगे। वास्तव में बल के आधार पर ही सही समय (संयोग) में पहुँचने की संभावना व्यक्त की जाती है। फलस्वरूप समय और बल के इसी संबंध के कारण समय के प्रबंधन की बात कही जाती है

दिशा और स्थिति के आधार पर : और जब हम समय और दिशा के संबंध पर चर्चा करते हैं। तब हम “पास और दूर” शब्द का प्रयोग करते हैं। जब किसी एक स्थिति के सापेक्ष दो स्थितियों में भेद करना होता है। तब हम समय और स्थिति के संबंध का प्रयोग दिशा को निर्धारित करने अथवा एक स्थिति के सापेक्ष दूसरी स्थिति के बीच के अंतर को मापने के लिए करते हैं। और कहते हैं कि वहां चले जाओ। वह पास पड़ेगा। और वह दूर पड़ेगा। फलस्वरूप समय और दिशा के इसी संबंध के कारण हम निश्चित साधनों के उपयोग से आवश्यक परिणाम (वैकल्पिक रूप से) प्राप्त कर पाते हैं।

सरल लोलक :- एक सिरा दृढ आधार से बंधा हो और दुसरे सिरे पर यदि एक बिंदु द्रव्यमान को लटका दिया जाए तो इस प्रकार की व्यवस्था को सरल लोलक कहते है।

लोलक :- किसी खूंटी से लटके ऐसे भार को लोलक कहते हैं यदि कोई पिंड आवर्त गति करते हुए एक निश्चित पथ पर किसी निश्चित बिंदु के सापेक्ष इधर-उधर गति दोलन गति कहते हैं।

आवर्तकाल :- सरल लोलक एक दोलन पूरा करने में जितना समय लगाता है। “वृत्तीय गति करने वाली वस्तु को एक चक्कर पूरा करने में जितना समय लगता है उसे उसका आवर्तकाल या परिभ्रमण काल कहते हैं।

प्रचीन काल :- संसार के विभिन्न भागों में समय मापन के लिए बहुत-सी युक्तियों का उपयोग किया जाता था। धूपघड़ी , रेत-घड़ी , जल-घड़ी आदि । जंतरमंतर , नई दिल्ली में धूपघड़ी है।

चाल मापना :- किसी वस्तु द्वारा एकांक समय में तय की गई दूरी को चाल कहते हैं।

चालमापी :- मीटर के कोने में km/h लिखा होता है।

पाथमापी :- वाहन द्वारा तय की गई दूरी को मापता है।

दूरीसमय :– किसी पिण्ड द्वारा तय की गई कुल दूरी तथा उस दूरी को तय करने में लगे कुल समय के अनुपात को उस पिण्ड की औसत चाल कहते हैं।

चाल :- किसी व्यक्ति/यातायात के साधन द्वारा इकाई समय में चली गई दूरी, चाल कहलाती हैं।

चाल का सूत्र : चाल = दूरी / समय

दूरी :- किसी व्यक्ति/यातायात के साधन द्वारा स्थान परिवर्तन को तय की गई दूरी कहा जाता हैं। किसी वस्तु द्वारा किसी भी दिशा में चली गई लंबाई को दूरी चाहते हैं जैसे एक कार का सामने की ओर चलना चली गई लंबाई 1 किलोमीटर है तो कार के द्वारा चली गई दूरी 1 किलोमीटर होगी

दूरी का सूत्र : दूरी = चाल × समय

समय :- किसी व्यक्ति/यातायात के साधन द्वारा इकाई चाल से चली गई दूरी, उसके समय को निर्धारित करती हैं। समय एक भौतिक राशि है। जब समय बीतता है, तब घटनाएँ घटित होती हैं इसलिए दो लगातार घटनाओं के होने अथवा किसी गतिशील बिंदु के एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक जाने के अंतराल को समय कहते हैं। समय नापने के यंत्र को घड़ी अथवा घटीयंत्र कहते हैं।

समय का सूत्र : समय = दूरी / चाल

वस्तुओं की गति को उनको दूरी-समय ग्राफ़ द्वारा चित्रात्मक रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। भारतवर्ष में समय अनुरक्षण सेवा, नई दिल्ली की राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोशाला द्वारा प्रदान की जाती है।

NCERT SOLUTIONS

प्रश्न (पृष्ठ संख्या 164-166)

प्रश्न 1 निमालिखित गतियों का वर्गीकरण सरल रेखा के अनुदिश, वर्तुल तथा दोलन गति में कीजिए

  1. दौड़ते सड़क पार गाडी खीचतें घोड़े की गाति |
  2. सीधी सड़क पार गाड़ी खीचतें घोड़े की गति |
  3. ‘ मैरी गो राउंड ‘ झूले में बच्चे की गति |
  4. ‘ सी – सॉ ‘ झूले पार बच्चे की गति |
  5. विद्युत् घंटी के हथौड़े की गति |
  6. सीधे पुल पार रेलगाड़ी की गति |

उत्तर-

  1. दोलन गति |
  2. सरल रेखा के अनुदिश गति |
  3. वर्तुल गति |
  4. दोलन गति |
  5. दोलन गति |
  6. सरल रेखा के अनुदिश गति |

प्रश्न 2 निम्नलिखित में कौन – सा कथन सही नहीं हैं?

  1. समय का मूल मात्रक सेकड़ हैं |
  2. प्रत्येक वस्तु नियत चाल से गति करती हैं |
  3. दो शहरों के बीच की दूरियाँ किलोमीटर में मापी जाती हैं |
  4. किसी दिए गए लोलक का आवर्तकाल नियत नहीं होता |
  5. रेलागादी की चाल m/h में व्यक्त की जाती हैं |

उत्तर-

  1. सही
  2. गलत
  3. सही
  4. गलत
  5. गलत

प्रश्न 3 कोई सरल लोलक 20 दोलन पूरे करने में 32s लेता हैं | लोलक का आवर्तकाल क्या हैं |

उत्तर- एक दोलन पूरा करने में लगाने वाला समय लोलक का आवर्तकाल कहलाता हैं |

Shape

Description automatically generated

प्रश्न 4 दो स्टेशनों के बीच की दूरी  240km हैं | कोई रेलगाडी इस दूरी को तय करने में 4 घंटे लेती हैं | रेलगाड़ी की चाल परिकलित कीजिए |

उत्तर-

A picture containing shape

Description automatically generated

प्रश्न 5 किसी कार के पथमापी का 08:30 AM पार पाठ्यांक 57321.0 km हैं | यदि 08:30 AM पर पथमापी का पाठ्यांक परिवर्तित होकर 57321.0km हो जाता हैं, तो कार द्वारा चली गई दूरी कितनी हैं? कार की चाल km/min में परिकलित कीजिए | इस चाल को km/h में भी व्यक्त कीजिए |

उत्तर-

प्रश्न 6 सलमा अपने घर से साइकिल पार विघालय पहुँचाने में 15 मिनट लेती हैं | यदि साइकिल की चाल 2m/s हैं, तो घर से विघालय की दूरी परिकलित कीजिए |

उत्तर-

चाल = 2m/s

लिया गया समय = 15 minutes = 15 x 60 seconds

इसलिए, चली गई दूरी = चाल x समय = 2 x 900 = 1800 m = 1.8 km

प्रश्न 7 निम्नलिखित स्थितियों में गति के दूरी – समय ग्राफ की आकृति दर्शाइए –

(क) नियत चाल से गति करती कार

(ख) सड़क के किनारे खाड़ी कोई कार

उत्तर-

A picture containing graphical user interface

Description automatically generated

प्रश्न 8 निम्नलिखित में कौन – सा संबंध सही हैं |

  1. चाल = दूरी x समय
  2. चाल = दूरीसमय
  3. चाल = समयचाल
  4. चाल = 1दूरी x समय

उत्तर- b. चाल = दूरीसमय

प्रश्न 9 चाल का मूत्र मात्रक हैं – 

  1. km/min
  2. m/min
  3. km/h
  4. m/s

उत्तर- d. m/s

प्रश्न 10 कोई तय 40km/h की चाल से 15 मिनट चलती हैं |, इसके पश्यात वह की 60 km/h चाल से 15 मिनट चलती हैं | कार द्वारा तय की गई कुल दूरी होगी –

  1. 100km
  2. 25km
  3. 15km
  4. 10km

उत्तर- b. 25km

प्रश्न 11 मान लीजिए चित्र 13.1 तथा चित्र 13.2 में दर्थाए गए फोटोग्राफ 10 सेंकड के अंतराल पार खींचे गए हैं | यदि इन फोटोग्राफ में 100 मिनट की दूरी को 1cm द्वारा दर्थाया गया हैं, तो तीव्रतम कार की चाल परिकलित कीजिए |

उत्तर- चित्र 13.1 तथा चित्र 13.2 के अनुसार, 10 सेकण्ड के अंतराल में, तीव्रतम कार द्वारा तय दूरी 2cm हैं |

इसलिए, तीव्रतम कर दूरी तय दूरी = 2 x 100 m = 200 m

लिया गया समय = 10 seconds

चाल = दूरीसमय

चाल = 200m10s

= 20m/s

प्रश्न 12 चित्र 13.15 में दो वाहनों A और B की गति के लिए दूरी – समय ग्राफ दर्थाए गए हैं | इनमें से कौन सा वाहन अपेक्षाकृत तीव्र गति से चल रहा हैं |

Diagram

Description automatically generated

उत्तर-

A picture containing text, antenna

Description automatically generated

वाहन A, B की अपेक्षा तेज गति से चल रहा हैं | क्योंकि इसने काम समय में अधिक दूरी तय की हैं |

प्रश्न 13 निम्नलिखित दूरी – समय ग्राफों में से कौन उस ट्रक की गति को दर्शता हैं |, जिसने उसकी चाल नियम नहीं हैं |

Graphical user interface, diagram

Description automatically generated

उत्तर- यदि चाल नियत हो तो उसका ग्राफ एक सरल रेखा को दर्शाता हैं | ग्राफ (iii) में गति सरल रेखा में नहीं हैं |