अध्याय-13: नौकर

-अनु बंदोपाध्याय

सारांश

प्रस्तुत निबंध में लेखिका ने महात्मा गांधी के सिद्धांतों का वर्णन किया है। प्रस्तुत पाठ में लेखिका बताती है कि आम-तौर पर नौकरों चाकरों द्वारा किये जाने वाले काम गांधीजी स्वयं ही कर लिया करते थे। गांधीजी किसी भी कार्य को करने में झिझकते नहीं थे। बल्कि दूसरों को भी अपने हाथ से कार्य करने के लिए प्रेरित करते रहते थे।

गांधीजी जिस समय बैरिस्टरी से हजारों रुपए कमाते थे तब भी प्रतिदिन अपने से हाथ से चक्की से आटा पीसते थे। एक बार कॉलेज के कुछ छात्र उनसे मिलने आए और उनसे कुछ सेवा के विषय में कहने लगे। गांधीजी ने उन छात्रों को गेहूँ साफ करने दिया। वे एक घंटे में ही थक गए और गांधीजी से विदा लेकर चल दिए।

गांधीजी ने कुछ वर्षों तक आश्रम के भंडार का भी काम भी सँभाला। उन्हें सब्जी,फल और अनाज के पौष्टिक गुणों का ज्ञान था। गांधीजी आश्रमवासियों को स्वयं भोजन परोसते थे। गांधीजी के परोसने के कारण सभी को बेस्वाद, उबली हुई सब्जियाँ बिना किसी शिकायत के खानी पड़ती थी। गांधीजी को चमकते हुए बर्तन पसंद थे।

आश्रम में चक्की पीसने और कुएँ से पानी निकालने का काम रोज करते थे। उन्हें यह नहीं पसंद नहीं था कि जब तक शरीर में लाचारी न हो तब तक कोई उनका काम करे। उनमें हर प्रकार का कार्य करने की अद्भुत क्षमता थी। दक्षिण अफ्रीका में बोअर युद्ध के दौरान उन्होंने घायलों को स्ट्रेचर पर लाद कर पच्चीस-पच्चीस मिल तक ढोया है। एक बार किसी तालाब में भराई का काम चल रहा था। जब वे लौटकर आए तो उन्होंने देखा की गांधीजी उनके लिए नाश्ते के लिए फल आदि तैयार करके खड़े रखे हुए थे।

एक बार गांधीजी दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीयों की माँग को लेकर लंदन गए। वहाँ के भारतीय छात्रों ने उन्हें शाकाहारी भोज के लिए आमंत्रित किया। वे लोग स्वयं उनके लिए भोजन बनाने लगे। तीसरे पहर एक दुबला-पतला व्यक्ति भी उनमें शामिल होकर काम करने लगा। बाद में छात्रों को पता चला कि वह दुबला-पतला व्यक्ति और कोई नहीं गांधीजी ही थे।

काम के मामले में गांधीजी बहुत सख्त थे परन्तु अपना काम किसी और से करवाना उन्हें नापसंद था। एक दिन राजनैतिक सम्मलेन से रात दस बजे लौटकर भी वह अपना कमरा साफ करने लगे। गांधीजी को बच्चों से बहुत अधिक प्यार था। उनका मानना था कि बच्चों के विकास के लिए माता-पिता का प्यार और उनकी देखभाल अनिवार्य है।

अफ्रीका में जेल से छूटने के बाद उन्होंने देखा कि उनके मित्र की पत्नी बहुत ही कमजोर और दुबली हो गई थी। क्योंकि बहुत प्रयत्नों के बाद भी उनका बालक उनका दूध पीना नहीं छोड़ रहा था। गांधीजी ने एक महीने तक उस बच्चे को अपने पास सुलाया। रात के लिए वे अपनी चारपाई के पास पानी रख कर सोते थे। इस प्रकार से उन्होंने बच्चे का दूध पीना छुड़वा दिया।

गांधीजी सदैव अपने से बड़ों का आदर करते थे। दक्षिण अफ्रीका में जब गोखलेजी गांधीजी के साथ ठहरे थे तब गांधीजी स्वयं ही उनके सारे कार्य करते थे। आश्रम में यदि किसी को रखने की आवश्यकता होती तो वे किसी हरिजन को रखने का ही आग्रह करते। उनके अनुसार नौकरों को हमें वेतनभोगी मजदूर न समझकर अपने भाई समान समझना चाहिए। इसमें कुछ कठिनाइयाँ हो सकती हैं, कुछ चोरियाँ भी हो सकती है। फिर कोशिश बेकार नहीं जाएगी। इंग्लैण्ड में गांधीजी ने देखा कि ऊँचे घरानों में घरेलू नौकरों को परिवार के आदमी की तरह रखा जाता था।

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निबंध से प्रश्न (पृष्ठ संख्या 112)

प्रश्न 1 आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गाँधी जी ने कौन-सा काम करवाया और क्यों?

उत्तर- आश्रम में कॉलेज के छात्रों से गाँधी जी ने गेंहूँ बीनने का काम करवाया।

एक बार गाँधी जी से मिलने के लिए कॉलेज के कुछ छात्र आए थे। उन सभी को अपने अंग्रेज़ी ज्ञान पर बड़ा गर्व था। बातचीत के दौरान छात्रों ने उनसे कार्य माँगा छात्रों को लगा कि गाँधी जी उन्हें पढ़ने-लिखने से संबंधित कोई कार्य देंगें गाँधी जी उनकी इस मंशा को भाँप गए और गाँधी जी ने छात्रों को गेंहूँ बीनने का कार्य सौंप दिया। वास्तव में इस कार्य द्वारा गाँधी जी छात्रों को समझाना चाहते थे कि कोई कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता।

प्रश्न 2 आश्रम में गाँधी कई ऐसे काम भी करते थे, जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं’। पाठ से तीन ऐसे प्रसंगों को अपने अपने शब्दों में लिखो जो इस बात का प्रमाण हों।

उत्तर- 

  1. गाँधी जी आश्रम में चक्की में आटा स्वयं पीसा करते थे।
  2. आश्रम में वे सब्जियाँ छीलने का कार्य करते थे।
  3. आश्रम के नियमानुसार सभी को मिल-बाँटकर बर्तन साफ़ करने पड़ते थे। एक बार उन्होंने बड़े बर्तनों की सफाई का काम अपने हाथ में ले लिया।

प्रश्न 3 लंदन में भोज पर बुलाए जाने पर गाँधी जी ने क्या किया?

उत्तर- दक्षिण अफ्रीका में रहने वाले भारतीयों के जाने-माने नेता के रूप में गाँधी भारतीय प्रवासियों की माँगों को ब्रिटिश सरकार के सामने रखने के लिए एक बार लंदन गए। वहाँ उन्हें भारतीय छात्रों ने एक शाकाहारी भोज में निमंत्रित किया। छात्रों ने इस अवसर के लिए स्वयं ही शाकाहारी भोजन तैयार करने का निश्चय किया था। तीसरे पहर दो बजे एक दुबला-पतला और छरहरा आदमी आकर उनमें शामिल हो गया और तश्तरियाँ धोने, सब्जी साफ़ करने और अन्य छुट-पुट काम करने में उनकी मदद करने लगा। बाद में छात्रों का नेता वहाँ आया तो क्या देखता है कि वह दुबला-पतला आदमी और कोई नहीं, उस शाम को भोज में निमंत्रित उनके सम्मानित अतिथि गाँधी थे। इस प्रकार गाँधी जी ने बिना किसी संकोच के छात्रों की मदद की।

प्रश्न 4 गाँधी जी ने श्रीमती पोलक के बच्चे का दूध कैसे छुड़वाया?

उत्तर- एक बार दक्षिण अफ्रीका में जेल से छूटने के बाद घर लौटने पर उन्होंने देखा कि उनके मित्र की पत्नी श्रीमती पोलक बहुत ही दुबली और कमजोर हो गई हैं। उनका बच्चा उनका दूध पीना छोड़ता नहीं था और वह उसका दूध छुड़ाने की कोशिश कर रही थीं। बच्चा उन्हें चैन नहीं लेने देता था और रो-रोकर उन्हें जगाए रखता था। गाँधीजी जिस दिन लौटे, उसी रात से उन्होंने बच्चे की देखभाल का काम अपने हाथों में ले लिया। बच्चे को श्रीमती पोलक के बिस्तर पर से उठाकर अपने बिस्तर पर लिटा लेते थे। वह चारपाई के पास एक बरतन में पानी भरकर रख लेते बच्चे को प्यास लगे तो उसे पिला दें। एक पखवाड़े तक माँ से अलग सुलाने के बाद बच्चे ने माँ का दूध छोड़ दिया। इस उपाय से गाँधी जी ने बच्चे का दूध छुड़वाया।

प्रश्न 5 आश्रम में काम करने या करवाने का कौन-सा तरीका गाँधी जी अपनाते थे? इसे पाठ पढ़कर लिखो।

उत्तर- गाँधी जी दूसरों से काम करवाने में बड़े सख्त थे। परन्तु अपने लिए काम करवाना उन्हें पसंद न था। वे अपना कार्य स्वयं करते थे उसमें वे किसी की सहायता भी नहीं लेते थे। गाँधी जी को काम करता देख उनके अनुयायी भी उनका अनुकरण कर कार्य करने लगते थे। इस प्रकार गाँधी जी अपने स्वयं के उदाहरण द्वारा लोगों को काम करने की प्रेरणा देते थे।

निबंध से आगे प्रश्न (पृष्ठ संख्या 112)

प्रश्न 1 गाँधी जी इतना पैदल क्यों चलते थे? पैदल चलने के क्या लाभ हैं? लिखो।

उत्तर- गाँधी जी पैदल चलने से होने वाले लाभों से संभवतः अवगत होने के कारण अकसर अपनी यात्राएँ पैदल चलकर ही पूरी करते थे।पैदल चलकर ही गाँधी जी स्वतंत्रता के लिए जन जागरण और अपने आंदोलनों को सफल बना पाए। पैदल चलने के कई लाभ हैं-

पैदल चलना शारीरिक व्यायाम की श्रेणी में सबसे उत्तम कोटि का व्यायाम है। पैदल चलने से हमारा शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इसे हर कोई बड़ी आसानी से कर सकता है। रोज इसका अभ्यास करने से शारीरिक फुर्ती बनी रहती हैं और व्यक्ति अपने को तरोताजा और स्वस्थ महसूस करता है।

प्रश्न 2 अपने घर के किन्हीं दस कामों की सूची बनाकर लिखो और यह भी कि उन कामों को घर के कौन-कौन से सदस्य अकसर करते हैं? तुम तालिका की सहायता ले सकते हो

काममैंमाँपिताभाईबहनचाचादादीअन्य
घर का सामान लाना        
घर की सफ़ाई करना        
बिस्तर रखना        
खाना बनाना        
कपड़े धोना        

अब यह देखो कि कौन सबसे ज्यादा काम करता है और कौन सबसे कम? कामों का बराबर बँटवारा हो सके, इसके लिए तुम क्या कर सकते हो? सोचकर कक्षा में बताओ।

उत्तर-

काममैंमाँपिताभाईबहनचाचादादीअन्य
घर का सामान लाना  ✓✓✓✓ ✓✓  
घर की सफ़ाई करना✓✓✓✓  ✓✓   
बिस्तर रखना ✓✓  ✓✓   
खाना बनाना ✓✓  ✓✓   
कपड़े धोना ✓✓      

सबसे ज्यादा काम माँ करती है और सबसे कम काम मैं, पिता, भाई और चाचा करते हैं। कामों के बराबर बँटवारे के लिए सबको बराबर कामों की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।

अनुमान और कल्पना प्रश्न (पृष्ठ संख्या 113)

प्रश्न 1 गाँधी जी अपने साथियों की ज़रूरत के मुताबिक हर काम कर देते थे, लेकिन उनका खुद का काम कोई और करे, ये उन्हें पसंद नहीं था। क्यों? सोचो और अपने शिक्षक को सुनाओ।

उत्तर- गाँधी जी स्वावलंबी होने के कारण, दूसरों के सामने आदर्श उदहारण प्रस्तुत करने के लिए तथा अन्य को भी स्वावलंबी बनाने लिए अपना कार्य स्वयं करते थे।

प्रश्न 2 नौकरों को हमें वेतनभोगी मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इसमें कुछ कठिनाई हो सकती है, फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी। गाँधी जी ऐसा क्यों कहते होंगे? तर्क के साथ समझाओ।

उत्तर- ये सच है कि यदि हम मजदूर को अपना भाई समझने लगे तो वह अपने काम से कामचोरी और लापरवाही कर सकता है परन्तु हम निरंतर प्रयास करते रहें तो एक न दिन वह इस बात को समझ जाएगा कि इस घर से उसे अपनापन और प्यार मिलता है अत: उसकी भी इस घर के प्रति जिम्मेदारी बनती है और उसे दिए गए कार्य को नियत समय पर पूरा करना है।

प्रश्न 3 गाँधी जी की कही-लिखी बातें लगभग सौ से अधिक किताबों में दर्ज हैं। घर के काम, बीमारों की सेवा, आगंतुकों से बातचीत आदि ढेरों काम करने के बाद गाँधी जी को लिखने का समय कब मिलता होगा? गाँधी जी का एक दिन कैसे गुज़रता होगा, इस पर अपनी कल्पना से लिखो।

उत्तर- मेरे अनुसार गाँधी जी साधारण व्यक्ति तो थे नहीं। अत: असाधारण व्यक्तित्व के धनी होने के कारण और अत्यधिक व्यस्त व्यक्ति होने के बावजूद भी वे कई सारे काम और लिखने के लिए समय निकाल ही लेते थे।

प्रश्न 4 पाठ में बताया गया है कि गाँधी जी और उनके साथी आश्रम में रहते थे। घर और स्कूल स्कूल के छात्रावास से गाँधी जी का आश्रम किस तरह अलग था?  कुछ वाक्यों में लिखो।

उत्तर- गाँधी जी के आश्रम में हर एक जाति वर्ग, उच्च, निम्न आदि सभी वर्गों का समावेश था। आश्रम में उनके सहयोगियों के अलावा, मित्र, जरूरतमंद, देशी, विदेशी आदि सभी लोग एक परिवार की तरह रहते थे। छात्रावास में भी सभी धर्मों और समुदायों के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। छात्रावास और आश्रम की कार्य-पद्धति में अंतर होता है। दोनों के उद्द्देश्य भी अलग-अलग होते हैं। परन्तु छात्रावास विशुद्ध रूप से शिक्षा प्रणाली से संबंधित होने के कारण आश्रम से भिन्न होता है। स्कूल के छात्रावास में छात्रों को पढ़ाई के अलावा किसी अन्य कार्य की फिक्र नहीं रहती थी लेकिन आश्रम में आटा पिसने से लेकर सब्जियाँ उगाने तक का कार्य करना पड़ता था।

प्रश्न 5 ऐसे कामों की सूची बनाओ जिसे तुम हर रोज खुद कर सकते हो।

उत्तर- निम्नलिखित काम हम खुद कर सकते हैं-

  • अपना बिस्तर और कमरा ठीक रखना।
  • अपने स्कूल यूनिफार्म और जूते चप्पलों को ठीक से रखना।
  • अपने कपड़ों की इस्तरी करना।
  • अपने कपड़ों को धोना।

भाषा की बात प्रश्न (पृष्ठ संख्या 113-114)

प्रश्न 1 

  1. ‘पिसाई’ संज्ञा है। पिसना शब्द से ‘ना’ निकाल देने पर ‘पीस’ धातु रह जाती है। पीस धातु में ‘आई’ प्रत्यय जोड़ने पर ‘पिसाई’ शब्द बनता है। किसी-किसी क्रिया में प्रत्यय जोड़कर उसे संज्ञा बनाने के बाद उसके रूप में बदलाव आ जाता है, जैसे ढोना से ढुलाई, बोना से बुलाई। मूल शब्द के अंत में जुड़कर नया शब्द बनाने वाले शब्दांश को प्रत्यय कहते हैं।

नीचे कुछ संज्ञाएँ दी गई हैं। बताओ ये किन क्रियाओं से बनी हैं-

बुआईकटाई
सिंचाईरोपाई
कताईरंगाई
  1. हर काम-धंधे के क्षेत्र की अपनी कुछ अलग भाषा और शब्द-भंडार होते हैं। ऊपर लिखे शब्दों का संबंध दो अलग-अलग कामों से है। पहचानो कि दिए गए शब्दों के संबंध किन-किन कामों से हैं।

उत्तर-

संज्ञाक्रिया
बुआईबोना
सिंचाईसींचना
कताईकातना
कटाईकाटना
रोपाईरोपना
रंगाईरँगना
  1. उपर्युक्त लिखे हुए शब्दों का संबंध कृषि तथा कपड़े से संबंधित है।

प्रश्न 2 

  1. तुमने कपड़ो को सिलते हुए देखा होगा। नीचे इस काम से जुड़े कुछ शब्द दिए गए हैं। आस-पास के बड़ों से या दरजी से इन शब्दों के बारे में पूछो और इन शब्दों को कुछ वाक्यों में समझाओ।

तुरपाई कच्ची सिलाई

बखिया चोर सिलाई

  1. नीचे लिखे गए शब्द पाठ से लिए गए हैं। इन्हें पाठ में खोजकर बताओ कि ये स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग-

कालिख, भराई, चक्की, रोशनी, जेल, सेवा, पतीला।

उत्तर-

तुरपाईहाथ की सिलाई को कहते हैं।
बखियामशीन द्वारा की गई सिलाई को कहते हैं।
कच्ची सिलाईपक्की सिलाई करने से पहले एक मोटी-मोटी सिलाई की जा है उसे कच्ची सिलाई कहते हैं।
चोर सिलाईसिलाई जो बाहर से नज़र नहीं आती है।
पुल्लिंगपतीला
स्त्रीलिंगकालिख, भराई, चक्की, रोशनी, जेल, सेवा।